14 वर्षीय अंश प्रकाश ने मनाली से लेह तक साइकिल अभियान किया पूरा

जमशेदपुर : टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) द्वारा 4 से 14 सितंबर तक मनाली से लेह तक अपना पहला साइकिल अभियान आयोजित किया। जिसकी कुल दूरी लगभग 500 किलोमीटर थी। “पैडल फॉर अ पर्पस” थीम के तहत टीएसएएफ का साइकिल अभियान दो सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित हुआ। जिसमें लक्ष्य 7-किफायती और स्वच्छ ऊर्जा और लक्ष्य 13 जलवायु कार्रवाई था। प्रत्येक पैडल के साथ अभियान ने दोहरे प्रभाव का एक शानदार संदेश जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना और नवीकरणीय ऊर्जा का समर्थन करना भेजा।

प्रतिभागियों ने यह प्रदर्शित करते हुए सस्टेनेबिलिटी की भावना को मूर्त रूप दिया कि पर्यावरण के अनुकूल यात्रा विकल्प गंभीर वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण अंतर ला सकते हैं। टीएसएएफ के 14 वर्षीय साइकिल चालक अंश प्रकाश ने कठिन अभियान को सफलतापूर्वक पूरा कर असाधारण उपलब्धियों के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। उसने दृढ़ संकल्प और शारीरिक कौशल का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए इस चुनौतीपूर्ण अभियान को पूरा किया। अंश कदमा बीएच एरिया स्थित डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल में कक्षा 9 का छात्र है और वह नॉर्दर्न टाउन के जुबली ऑफिसर्स फ्लैट में रहता हैं। वह मूल रूप से बिहार छपरा का रहने वाला हैं। अंश की दो बड़ी बहनें भी हैं।

एक आशू सिंह ट्रिनिटी कॉलेज आयरलैंड में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही है और दूसरी अंशिका सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल में 10 वीं कक्षा की छात्रा है। उनकी मां बिमला एक गृहिणी हैं और पिता यूपी सिंह टाटा स्टील में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। इस रोमांचक अभियान में अंश प्रकाश को दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक और लुभावने इलाकों से होकर गुजरना पड़ा। जिसके तहत तांगलांग ला (17,582 फीट), लानचुंग ला (16,616 फीट), बारालाचा ला (15,900 फीट), नाकी ला (15,547 फीट) और रोहतांग ला (13,050 फीट) समेत जिन पांच दुर्जेय दर्रों को उसने पार किया, उसमें अंश का दृढ़ संकल्प कभी नहीं डिगा। उसने सभी चुनौतियों का सामना कर अपने अदम्य भावना ने आगे बढ़ा।

जिसने अंश प्रकाश को अलग ही अनुभव कराया। अभियान के 7 वें दिन यह उसकी विस्मयकारी उपलब्धि थी। उन्होंने एक नहीं बल्कि दो दर्रों, नके ला और लाचुंग ला को पार करते हुए सरचू से पांग तक 80 किलोमीटर की दूरी तय की। साथ ही यह उसके असाधारण धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।टीएसएएफ अंश प्रकाश की उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना करता है। जो न केवल उनकी असाधारण शारीरिक शक्ति बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी उनकी अटूट भावना को दर्शाता है।

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