सात माह से ठगे जा रहे हैं सरकारी शराब दुकान के 340 कर्मचारी, अब तक नहीं मिला वेतन

– उत्पाद विभाग कमिश्नर के निर्देश को भी कर दिया अनसुना

कालीचरण

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के 110 सरकारी शराब दुकानों में कार्यरत 340 कर्मचारी (सुपरवाइजर और सेल्समेन) को अगस्त 2023 से लेकर अब तक सात माह से भी अधिक समय होने पर भी वेतन नहीं मिला है। और तो और वेतन के नाम पर इन कर्मचारियों को ठगा भी जा रहा है। साथ ही वेतन देने के नाम पर स्थानीय उत्पाद विभाग और ठेका कंपनी रोज नए-नए बहाने भी बना रहे हैं। जिससे इन कर्मचारियों की भावनाएं भी आहत हो रही है।
ये सभी कर्मचारी महीनों से वेतन मिलने की आस लगा बैठे हैं। मगर अब तक इन्हें वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण ये भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि जिले के 110 शराब दुकानों में मैनपॉवर का ठेका पश्चिम बंगाल कोलकाता की कंपनी विवेल द्वारा लिया गया है। जिसने राज्य सरकार की आंख में धूल झोंकने के लिए फरवरी 2024 तक सभी कर्मचारियों के खाते में पीएफ का पैसा भी जमा करा दिया है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं ठेका कंपनी कर्मचारियों के साथ-साथ विभाग से भी धोखा कर रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार को भी अंधेरे में रखा जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं बीते दिनों रांची से उत्पाद विभाग के कमिश्नर फैज हक अहमद मुमताज (जिनका अब बागवानी विभाग में ट्रांसफर हो चुका है) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्थानीय उत्पाद विभाग के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने जिले के सभी कर्मचारियों को वेतन देने का निर्देश भी दिया था। साथ ही इसकी सूचना भी देने को कहा था। बावजूद इसके उनके निर्देश को भी अनसुना कर अब तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दूसरी ओर जिले के उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त रामलीला रवानी द्वारा वेतन देने के नाम पर रोज नए-नए बहाने बनाए जा रहे हैं। उनके द्वारा हमेशा कभी दो दिन तो कभी चार दिनों में वेतन मिलने की बात कही जाती है और अब उन्होंने होली पर्व के पहले वेतन मिलने की बात कही है। जबकि मैनपॉवर ठेका कंपनी विवेल के को-ऑर्डिनेटर नंदन झालूका ने तो फोन भी उठाना बंद कर दिया है और जो कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी होने वाली पूरी संभावना को प्रबल करता है। वहीं होली पर्व कुछ दिनों बाद है और ऐसे में कर्मचारियों को वेतन न मिलना उन सभी के परिवार के साथ किया जाने वाला धोखा भी है। उत्पाद विभाग को सिर्फ अपने फायदे से मतलब है, कर्मचारियों की परेशानी से नहीं।

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