अश्लील गीतों पर भी रोक लगाने की मांग, जिला प्रशासन संभाले छठ घाट की व्यवस्था
जमशेदपुर : भारतीय जनतंत्र मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार विधायक सरयू राय द्वारा जिला उपायुक्त को लिखे पत्र को उपायुक्त कार्यालय में जाकर सौंपा। साथ ही पत्र की प्रति एसडीएम धालभूम, डीडीसी, जमशेदपुर अक्षेस, एसएसपी, एसपी सिटी और सिदगोड़ा थाना प्रभारी को भी दिया गया है। प्रतिनिधिमंडल में विधायक के निजी सचिव सुधीर सिंह, भाजमो जिला महामंत्री मनोज सिंह उज्जैन, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अमित शर्मा, बारीडीह मंडल अध्यक्ष विजय नारायण सिंह आदि मौजुद थे। उक्त पत्र में विधायक सरयू राय ने लिखा है कि पावन पर्व छठ का आयोजन प्रत्येक वर्ष असीम आस्था के साथ होता है। खरकाई एवं स्वर्णरेखा के करीब 10 किलोमीटर की लम्बाई में हजारों की संख्या में व्रती छठ पर्व पर भगवान सूर्य को संध्याकालीन एवं प्रातःकालीन अर्घ्य अर्पित करते हैं। इसके अलावा विभिन्न मोहल्लों के छोटे बड़े अनेक तालाबों पर भी अर्घ्य समर्पण श्रद्धालु करते हैं। इन सभी स्थानों पर छठ घाट की स्वच्छता की व्यवस्था स्वतः स्फूर्त स्थानीय स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं का समूह अपने हाथ में ले लेता है। जिसमें जिला प्रशासन और जेएनएसी का महती योगदान रहता है। दुर्गापूजा विसर्जन के बाद से ही जिला प्रशासन, जेएनएसी एवं सरकार के संबंधित विभागों के अधिकारी इस पुनीत कार्य में लग जाते हैं। जनता की जरूरतों और शिकायतों के अनुसार छठ घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, रौशनी, कानून व्यवस्था का अधिकतम दायित्व ये निभाते हैं। इसी तरह सिदगोड़ा सोन मंडप चिल्ड्रन पार्क मंदिर परिसर में भी तीन तालाब बने हुए हैं और यह सभी सरकारी खर्च से बने हैं। जिस जमीन पर बने हैं वह सरकारी है। इस परिसर में मुख्यतः सिदगोड़ा, एग्रिको, सीतारामडेरा, बारीडीह, बागुनहातु, बागुन नगर आदि इलाकों के छठ व्रती अर्घ्यार्पण के लिए आते हैं। मगर बिडम्बना यह है कि इस परिसर की छठ व्रत व्यवस्था पर तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के नाम पर एक राजनीतिक समूह जबरन अधिकार जमाने की चेष्टा करते रहता है। यदि कोई स्थानीय स्वयंसेवी समूह या श्रद्धालु समूह परिसर में छठ व्रत की व्यवस्था में योगदान करने के लिए आगे आता है तो सूर्य मंदिर समिति नामधारी समूह के लोग जिसमें स्थानीय मोहल्लों के नगण्य और शहर के अन्य इलाकों के लोग शामिल हैं, उन्हें व्रत स्थल पर फटकने नहीं देते। साथ ही उनके साथ मारपीट भी करते हैं। गत वर्ष भी उन्होंने ऐसा ही किया था। सिर्फ इतना ही नहीं, इस परिसर में अपनी फूहड़ गतिविधियों से यह समूह छठ पर्व की आस्था पर भी चोट करता है। पवित्र छठ व्रत के संध्याकालीन अर्घ्य के बाद यह समूह भौंडे, अश्लील एवं फूहड़ फिल्मी गीतों की महफिल सजाता है और जिसमें चटक मटक पोशाक पहन कर रंग बिरंगे प्रकाश संयोजन के साथ ऐसे अश्लील गीतों की महफिल रात भर सजती है। जिनका उल्लेख यहां करना शालिनता के प्रतिकूल प्रतीत होता है। इन अश्लील गीतों के मुखड़े समाचार पत्रों में छपते हैं और ऐसे कार्यक्रमों में गायिकाओं के उत्तेजक इशारों पर दर्शक सीटी बजाते हैं। एकाध बार तो कुर्सियां भी फेंकी गई। जिसपर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन को बल प्रयोग भी करना पड़ता है। गत वर्ष भी इस समूह ने जिस गायिका को इस अवसर पर बुलाया था, वह गायिका ऐसे अश्लील गीत गाने के लिए जानी जाती है, जिसके मुखड़े का यहां उल्लेख नहीं किया जा सकता। ऐसे कार्यक्रमों के विडियो यू- ट्यूब समेत अन्य चैनलों पर देखे भी जा सकते है। पवित्र छठ पर्व की संध्या में ऐसे अश्लील गीतों के गायन का गत वर्ष भारी विरोध हुआ था। जिसकी प्रतिक्रिया में इन लोगों ने मारपीट भी की थी। जिसके बाद जिला प्रशासन ने इसपर संज्ञान लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिया था कि गीत संगीत के ऐसे अश्लील कार्यक्रम यहां आयोजित नहीं होंगे। यदि कोई संगीत कार्यक्रम आयोजित होंगा तो इसमें केवल भजन गाए जाएंगे। साथ ही कार्यक्रम रात्रि 10 बजे के पहले समाप्त हो जाएंगे। जिला प्रशासन ने न केवल निर्देश दिया बल्कि इसे लागू कराने के साथ-साथ इसकी रिकार्डिंग भी कराई। जिसका नतीजा यह हुआ कि गत 10-15 वर्ष बाद पहली बार गत वर्ष अश्लील गायन का कार्यक्रम इस परिसर में नहीं हुआ। जबकि इस वर्ष पुनः तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के नाम पर एक समूह छठ व्रत आयोजन पर एकाधिकार करने के लिए सक्रिय हो गया है।श और जिसमें भांति भांति के लोग भी हैं। इसमें स्थानीय मोहल्लों के कम और दूर दराज के इलाकों के अधिक लोग शामिल हैं। यहां यह उल्लेख अप्रासंगिक नहीं होगा कि वर्ष 2021 में एनजीओ के रूप में यह सूर्य मंदिर समिति गठित हुई और सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकृत भी हुई। समिति गठन का दो वर्ष भी नहीं बीता कि इसकी नियम विरूद्ध गतिविधियां आरम्भ हो गईं। जिसके कारण डीसी ने दिसंबर 2022 में इस समिति का पंजीकरण रद्द करने के लिए संस्थाओं के निबंधन महानिरीक्षक को लिखते हुए कहा कि सूर्य मंदिर समिति का पंजीयन रद्द किया जाए। जिसके बाद निबंधन महानिरीक्षक ने सूर्य मंदिर समिति के प्रबंधकों से स्पष्टीकरण भी मांगा। जिससे संतुष्ट न होकर निबंधन महानिरीक्षक ने सूर्य मंदिर समिति की नियम विरूद्ध गतिविधियों की जांच करने के लिए एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित किया है। जिसमें डीसी को उनके एक प्रतिनिधि के तौर पर नामित करने के लिए कहा है। ऐसी स्थिति में इस तथाकथित सूर्य मंदिर समिति को इस परिसर में छठ पर्व की व्यवस्था पर कब्जा करने और एकाधिकार जमाने की अनुमति देना कत्तई उचित नहीं है। यह समिति शंख मैदान समेत इस परिसर बने तीन तालाबों एवं चिल्ड्रन पार्क पर स्थाई रूप से कब्जा करने का इरादा रखती है। साथ ही इन स्थलों को सूर्य मंदिर प्रांगण का हिस्सा घोषित करती है। जबकि स्वयं सूर्य मंदिर सरकारी भूमि पर बना हुआ है और इसके निर्माण का बड़ा हिस्सा भी सरकारी खर्च पर ही बना है। अंत में उन्होंने निवेदन करते हुए कहा कि जिस प्रकार नदी तटों तथा मोहल्लों के छठ घाटों की स्वच्छता, मरम्मत, रंग-रोगन, प्रकाश व्यवस्था, कानून व्यवस्था का कार्य जिला प्रशासन और जेएनएसी द्वारा की जा रही है। ठीक उसी प्रकार इस परिसर में मौजूद तीन छठ घाटों की व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा संभाला जाए और समीपवर्ती मोहल्लों के स्वयंसेवियों को इस परिसर में छठ व्रत की व्यवस्था में लगाना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही किसी भी हालत में इस परिसर में अश्लील गीतों की महफिल सजने न दें, इसे सुनिश्चित करने की कृपा की जाए।