झील में पूरी तरह पानी भर जाए तो इसका स्वरूप अखंड भारत के मानचित्र जैसा दिखता है
धनबाद :-धनबाद शहर से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित तोपचांची झील की प्राकृतिक व नैसर्गिक सुंदरता देखते ही बनती है. झील की ऐसी बनावट है कि अगर इसमें पूरी तरह पानी भर जाए, तो इसका स्वरूप अखंड भारत के मानचित्र जैसा दिखता है. इसकी अनुपम सुंदरता का आनंद लेने यहां सालों भर देश-विदेश से पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. ब्रिटिश शासन काल में बिहार ओडिशा के तत्कालीन गवर्नर सर हेनरी वीलर ने कोयलांचल में जलापूर्ति के उद्देश्य से 15 नवंबर 1924 को इस झील की नींव रखी थी. समय के साथ देश में हर क्षेत्र में विकास हुआ, लेकिन स्थापना के 99 वर्ष बाद भी यह झील विकास से कोसों दूर है. झील के विकास के लिए कई बार योजना बनी, लेकिन हर बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. प्रशासनिक उपेक्षा का आलम यह है कि नाला में मिट्टी व सड़ी-गली चीजों के जमाव के कारण झील में पानी सही तरीके से नहीं आ पाता है. झील की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण की बात तो दूर, देख-रेख करने वाले झमाडा की हालत इतनी खराब है कि वह अपने बूते इसका कायाकल्प नहीं कर सकता. राशि आते ही बंदरबांट शुरू हो जाती है.