– कदमा उलियान नील सरोवर छठ घाट पर स्वास्थ्य मंत्री का पोस्टर लगाने से हुआ बवाल
एसडीएम, एसपी सिटी, डीएसपी सीसीआर ने समझाने का किया प्रयास, नहीं माने आक्रोशित लोग
जमशेदपुर : कदमा थाना अंतर्गत उलियान धनंजय पथ स्थित नील सरोवर छठ घाट पर शनिवार की सुबह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का पोस्टर लगाने से भारी बवाल हो गया। इस दौरान जमीन मालिक सावित्री महतो की पुत्री अनीता महतो ने उक्त रैयती जमीन को अपना बताते हुए झारखंड भाषा खतियान धारी संघर्ष समिति जेबीकेएसएस के साथ मिलकर जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया। बताते चलें कि छठ पूजा को लेकर नील सरोवर घाट में फव्वारा भी लगाया गया है। जिसको लेकर अनीता महतो ने कहा कि हमारे पूजा स्थल को हटाकर वहां फव्वारा लगा दिया गया है और जो कहीं से भी उचित नहीं है। वहीं पूर्ण नियोजित कार्यक्रम के तहत शनिवार की सुबह सभी निर्मल महतो समाधि के पास एकत्रित हुए। जिसके बाद जुलूस की शकल में पारंपरिक हथियारों से लैस होकर उलियान मेन रोड होते सभी नील सरोवर छठ घाट की तरफ बढ़ने लगे। इस दौरान कदमा थाना प्रभारी अशोक राम ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास भी किया। मगर उन्होंने उनकी एक न सुनी। मामले को हाथ से निकलता देख थाना प्रभारी ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी। इसी बीच रैली के रूप में लोग नील सरोवर छठ घाट में पहुंचे और जहां पहले से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। पुलिस ने लोगों को छठ घाट में घुसने से रोकने की कोशिश भी की। मगर वे कामयाब ना हो सके। वहीं तनाव को बढ़ता देख क्यूआरटी को भी मौके पर बुला लिया गया। उनके पीछे से एसडीएम पीयूष सिन्हा, एसपी सिटी मुकेश कुमार लुनायत, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट सुमित प्रकाश, डीएसपी सीसीआर अनिमेष गुप्ता, अंचलाधिकारी, सोनारी थाना प्रभारी विष्णु राउत और बिस्टुपुर थाना प्रभारी अंजनी कुमार भी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। जहां एसडीएम ने लोगों को समझाने का प्रयास भी किया। मगर वे नहीं माने। इसी बीच हल्की नोक झोंक भी हुई। साथ ही मौके पर ही अनीता महतो ने जमीन से संबंधित कागजात एसडीएम को दिखाएं। जिसपर उन्होंने आवेदन लिखकर कार्यालय में आकर बात करने की बात भी कही। जिससे लोग और उग्र हो गए। दूसरी तरफ नील सरोवर छठ घाट की तरफ भीड़ आने की सूचना मिलने पर छठ समिति द्वारा स्वास्थ्य मंत्री का पोस्टर भी हटा लिया गया। इस दौरान जमीन मालिक अनीता महतो ने कहा कि जब आप हाई कोर्ट का सम्मान भी नहीं कर रहे हैं तो हम न्याय के लिए किसके पास जाएं। हमें छठ पूजा करने से कोई आपत्ति नहीं है। वह तो दो दिनों का ही होता है। मगर उसकी आड़ में हमारे जमीन पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। इससे पहले भी हमने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कब्जे की शिकायत की थी। मगर मंत्री के डर से किसी के द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाई कोर्ट का फैसला भी हमारे पक्ष में आया है। जिसमें साफ-साफ लिखा है कि इस जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता और ना ही जमीन मालिक को परेशान ही किया जा सकता है। बावजूद इसके हमें परेशान करने की कोशिश की जा रही है। अपनी जमीन को बचाने के लिए ही उन्होंने जयराम महतो की टाइगर फोर्स झारखंड भाषा खतियान धारी संघर्ष समिति जेबीकेएसएस का सहयोग लिया है और जिन्होंने मामले को जानकर हमारा पूरा समर्थन भी किया है। जबकि हंगामे के बीच पार्टी के कार्यकर्ताओं ने साल 1932 का खतियान लागू करो, झारखंड विरोधी होश में आओ जैसे नारे भी लगाए। साथ ही कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं और हमें छठ पूजा से कोई आपत्ति नहीं है। मगर पूजा की आड़ में जो ताम-झाम किया जा रहा है, वह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। घाट पर ना टेंट लगेगा और ना ही किसी का पोस्टर। छठवर्ति घाट पर आए और आराम से अपनी पूजा को संपन्न करें। हम सभी का सम्मान करते हैं। विरोध प्रदर्शन के बीच जयराम महतो की पार्टी ने खतियानी नील बांध का नामांकरण भी कर दिया। समाचार लिखे जाने तक कार्यकर्ता मौके पर ही डटे हुए थे। वहीं अंचलाधिकारी और कदमा थाना प्रभारी भी पुलिस बल के साथ मौजूद थे।