जमशेदपुर : माइम कलाकार कमल नशकर और शुभ्रा सान्याल का मानना है कि माइम आर्टिस्ट का स्किल थिएटर आर्टिस्ट से ऊंचा होता है। शहर प्रवास के दौरान बातचीत में इन दोनों कलाकारों ने बताया कि चार्ली चैपलिन मूक अभिनय करते थे। मगर उनका ड्रेस बदल जाता था और बाकी के सामान भी बदल जाते थे। माइम में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसमें सेम ड्रेस में, सिंगल ड्रेस में आर्टिस्ट को परफॉर्म करना होता है और जो बेहद ही मुश्किल भरा होता है। उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में अब माइम आर्टिस्ट को ज्यादा धन मिलता है। मगर फिल्मों में अभिनय करने वाले कलाकारों से उन्हें अभी भी बेहद कम पारिश्रमिक मिलता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि स्टोरी का सिलेक्शन शुभ्रा और कमल मिलजुल कर करते हैं। लेकिन स्क्रिप्ट लिखने का काम कमल ही करते हैं। साथ ही दोनों ने बताया कि उनका देश भर में कई ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं। जिसमें वे लोगों को माइम आर्टिस्ट बनाने के गुर सिखाते हैं। जबकि वे झारखंड में भी एक ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोलना चाहते हैं। बताते चलें कि शुभ्रा और कमल पति और पत्नी हैं। वहीं बुधवार स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रहे बाल मेले में अपना परफॉर्मेंस देने जमशेदपुर आए थे।
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