जिस जमीन के बारे में बोला जा रहा है वो खासमहल जमीन है। इस पर मेरे परिवार का कोई कब्जा नहीं था।
जमीन के लीजधारी के वंशज के द्वारा उनके लीज के नवीकरण करवाने हेतु मेरे पिता पूर्व मंत्री श्री योगेन्द्र साव से निवेदन की गई थी जिस पर एक जननेता होने के नाते उन्होंने पैरवी की थी।
इस जमीन के बारे में मुझे समाचार पत्र के माध्यम से ही पहली जानकारी मिली। इसके बाद मैंने मामले के बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जमीन का नवीकरण रोक कर विपक्ष के एक माननीय फायदा उठाना चाहते हैं।
षड्यंत्र की राजनीति करने वालों ने इस प्रकरण में जिस ढंग से मेरा नाम घसीटा है वह सरासर गलत है। प्रशासन ने मामले में क़ानूनी कार्रवाई की तो ये झूठ फैलाया गया कि मेरे और मेरे पिता पर मामला दर्ज किया गया है। लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, विपक्ष सक्रीय रूप से प्रपंच फैलाने में लग गया है, उनको हजारीबाग लोकसभा हारने का भय सता रहा है, इसलिए साजिश और मिलीभगत करके मेरा और मेरे परिवार का नाम ख़राब किया जा रहा है। इनकी सभी साजिशों का पर्दाफाश होगा।
खासमहल जमीन को लेकर मैंने और जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि उत्तरी छोटानागपुर एवं पलामू प्रमंडल के लाखों परिवार बसे हुए हैं एवं नवीकरण नहीं हो पाना उनके लिए बड़ी मुसीबत लेकर आता है। आखिर जिस परिवार की 2-3 पीढियां उस जमीन पर गुजर-बसर कर चुकी है उसे बेदखल करना कहाँ का न्याय है? गढ़वा, डाल्टनगंज, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़, चतरा आदि जिले के लोगों संशय की इस स्थिति से परेशान हैं। इस समस्या का स्थायी निदान निकलना चाहिए नहीं तो विपक्ष के गिद्ध पता नहीं कितनों को तबाह कर देंगे।
-अंबा प्रसाद