जमशेदपुर : आस्था के महापर्व छठ के दिन कदमा उलियान धनंजय पथ स्थित नील सरोवर में जो घटना घटी है, इसको लेकर पीड़ित परिवार ने शनिवार बिष्टुपुर स्थित आवासीय कार्यालय में विधायक सरयू राय से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कागजात दिखाते हुए कहा कि वर्ष 2008 में झारखंड उच्च न्यायालय के अनुसार इस तालाब और भूमि पर उनका स्वामित्व है। मगर शहर की जिला प्रशासन और पुलिस इसे लागु नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बीच तालाब में आस्था का प्रतीक के तौर जो खुंटा गाड़ा गया था, उसे उखाड़कर वहां प्रशासन और टाटा स्टील द्वारा फव्वारा लगा दिया गया। जिसका सभी विरोध करने गये थे। उन्होंने कहीं से भी छठ पर्व का विरोध नहीं किया। बावजूद इसके उनपर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित की बातें सुनने के बाद विधायक सरयू राय ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे पूरी मदद करेंगे। मगर उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि यह मामला राजनीतिक रंग न लें और नहीं तो उनका हित पीछे हो जाएगा। उन्होंने उनसे कहा कि हाईकोर्ट में जाकर इस एफआईआर को रद्द करवाने का आवदेन दें। हाईकार्ट 1 मिनट में इस एफआईआर को रद्द कर देगा। क्योंकि एफआईआर में उस वकील का भी नाम दर्ज है, जो मुकदमा लड़ रहा है। साथ ही इस संबंध में बार एसोसिएशन में भी मामला उठाना चाहिए। मौके से उन्होंने एसएसपी से दूरभाष पर बात कर कहा कि इस मामले में निष्पक्ष अनुसंधान होना चाहिए और अन्याय न हो। प्रशासन को किसी राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए। जिसपर एसएसपी ने आश्वस्त किया कि इसमें पुलिस निष्पक्ष जांच करेंगी और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
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