टाटा स्टील ने स्टील स्लैग का उपयोग कर बनाई ग्रामीण सड़कें 

देश भर के इंजीनियरों ने की टाटा एग्रेटो की अत्याधुनिक गुणवत्ता आश्वासन प्रयोगशाला की सराहना

जमशेदपुर : टाटा स्टील ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण में अपने स्लैग-आधारित एग्रीगेट्स का उपयोग कर सस्टेनेबिलिटी का एक मानदंड स्थापित किया है। साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिले में झारखंड राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (जेएसआरआरडीए) द्वारा विकसित 21 सड़कों के निर्माण में 1.5 लाख टन से अधिक स्लैग-आधारित एग्रीगेट्स का उपयोग किया गया है। वहीं अंतरराज्यीय प्रतिनिधिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की एक टीम में विभिन्न राज्यों के इंजीनियर, जेएसआरआरडीए और टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। जिन्होंने टाटा एग्रेटो के साथ विकसित की जा रही कमलबेड़ा पीएमजीएसवाई सड़क परियोजना के परियोजना स्थल का दौरा भी किया। साथ ही टीम ने रावतारा से घोड़ाधना पीएमजीएसवाई सड़क की स्थिति की सराहना भी की और जो 2017 में टाटा एग्रेटो और टाटा निर्माण का उपयोग कर विकसित की जाने वाली पहली सड़क थी। वहीं टीम ने टाटा एग्रेटो के लिए अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशाला का दौरा कर प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जाना। बताते चलें कि टाटा स्टील विनिर्मित एग्रीगेट्स के लिए गुणवत्ता परीक्षण प्रमाणपत्र देने वाली देश की पहली कंपनी है। जिसके तहत महत्वपूर्ण उत्पाद मापदंडों और पारंपरिक एग्रीगेट्स की तुलना में टाटा एग्रेटो के प्रमुख लाभों के बारे में अंतर-राज्य प्रतिनिधिमंडल को सूचित भी किया गया है। वहीं अधिकारियों और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाते हुए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए सस्टेनेबल उत्पाद विकसित करने को लेकर टाटा स्टील द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना भी की। वहीं दो दिवसीय कार्यशाला इस हरित प्रौद्योगिकी में विश्वास जगाने में सफल रही है। साथ ही पूरे देश में इसे अपनाने में तेजी भी आएगी। समापन समारोह में दीपांकर दासगुप्ता ईआईसी-आईबीएमडी, राजेश रजक, कार्यकारी अभियंता, आरडब्ल्यूडी जमशेदपुर और जेएसआरआरडीए के कार्यकारी अभियंता सुबोध पासवान उपस्थित रहे। बताते चलें कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में 26 वें यूएन क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज में दुनिया के सामने मिशन लाइफ की शुरुआत की थी। जिसके अनुरूप टाटा स्टील और जेएसआरआरडीए की संयुक्त पहल के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों समेत देश के विभिन्न हिस्सों से 40 से अधिक प्रतिनिधि ग्रामीण सड़क निर्माण में हरित प्रौद्योगिकियों पर विचार-विमर्श करने के लिए शामिल हुए। वहीं टाटा स्टील के ब्रांडेड स्टील स्लैग उत्पाद टाटा एग्रेटो का उपयोग कर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत विकसित की गई सड़कों को आगंतुक प्रतिनिधियों के सामने प्रदर्शित भी किया गया।स्टील स्लैग को सस्टेनेबल एग्रीगेट्स में बदलने के प्रयास में टाटा स्टील ने स्टीम एजिंग के माध्यम से एलडी स्लैग के प्रसंस्करण के लिए एक अत्याधुनिक अस्क्लेरेटेड वेदरिंग फैसिलिटी स्थापित की है। इसने भारत का पहला ब्रांडेड एलडी स्लैग उत्पाद टाटा एग्रेटो और टाटा निर्माण लॉन्च किया था। स्लैग आधारित निर्मित एग्रीगेट्स का उपयोग प्राकृतिक एग्रीगेट्स के खनन की आवश्यकता को कम करके जैव विविधता के संरक्षण में मदद करता है। साथ ही बड़ी दूरी तक एग्रीगेट्स के परिवहन की आवश्यकता को समाप्त करता है। टाटा स्टील में हम सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों को अपनाने और न्यूनतम पारिस्थितिक पदचिह्न वाले सस्टेनेबल उत्पादों का उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर और नए उत्पादों एवं अनुप्रयोगों को विकसित कर लगातार ऐसा करने में सफल रहे हैं। “शून्य अपशिष्ट” लक्ष्य के साथ टाटा स्टील ने स्टील अपशिष्ट प्रसंस्करण की उन्नत विधियों को अपनाकर कुशल उप-उत्पाद प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उप-उत्पाद प्रबंधन- औद्योगिक उप-उत्पाद प्रबंधन प्रभाग के लिए एक समर्पित प्रॉफिट सेन्टर बनाया है।

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