Md Mumtaz
खलारी: एसटी एससी ओबीसी एकता मंच ने बुधवार को डकरा स्थित अम्बेडकर पार्क में भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मंच के लोगों के द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया साथ ही लोगों ने दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर वक्ताओं ने बारी -बारी से बाबा साहब के विचारों से अवगत कराया । अम्बेडकर ने अछूतों की चिंताओं को दूर करने के लिए 1924 में बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की। 1932 के पूना समझौते में दलित वर्गों के लिए विधायिका में आरक्षित सीटें सुरक्षित कीं, जो अम्बेडकर की राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण है। मौके पर उपस्थित आरपीआई अम्बेडकर महिला प्रदेश अध्यक्ष अनिता गंझू ने कहा कि अंबेडकर ने हमेशा ही दलितों की स्थिति में सुधार लाने के लिए काम किया। छुआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म करने में भी उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। उनके अनुयायियों का ये मानना है कि उनके गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे और उनके कार्यों की वजह से उन्हें निर्वाण प्राप्त हो चुका है। यही कारण है कि उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर मंच के महेन्द्र उरांव, कन्हाई पासी, राम परीखा राम, नित्या कुमार, अनिल पासवान, अनिता एक्का, रामेश्वर शर्मा, सुखराम सेठ, जगदीश गंझु, नागेश्वर महतो, जगन्नाथ महतो, अमरजीत कौशल, सुनील पासवान बौद्ध, निक्की पासवान, अमर लाल सतनामी, संजय मुंडा, सहित कई के गण मान्य लोग उपस्थित थे।