धनबाद. शहर के नावाडीह बस्ती में 24 एकड़ जमीन पर बना बिरसा मुंडा पार्क की स्थिति साल दर साल बदतर होती जा रही है। हर माह लाखों रुपए की आमदनी देने वाले पार्क में रख-रखाव की कमी की वजह से स्थिति खराब हो गई है।
टूटे झुले और स्लाइडर के बीच ही लोग पिकनिक मनाने के लिए पहुंच रहे हैं। रविवार को यहां पर्यटकों की अच्छी संख्या मौज-मस्ती करने के लिए पहुंची।
15 नवंबर 2009 में शुरू हुए बिरसा मुंडा पार्क को लेकर पिछले कुछ सालों तक दो विभागों के बीच फेंका-फेकी चलता रहा। नगर निगम इसका मेंटेनेंस तो करता है लेकिन पिछले नगर आयुक्त ने इसे लेने से इंकार कर दिया था। पार्क में हर दिन पर्यटकों की संख्या 300-400 तक पहुंचती है फिर भी निगम प्रबंधन इसपर ध्यान नहीं देता है। शहर में एकमात्र पार्क होने की वजह से यहां हर दिन भीड़ लगी रहती है।
निजी झुलों से सलाना 6-7 लाख की कमाई
नगर निगम ने घाटे में चल रहे पार्क में कमाई बढ़ाने के लिए कोरोना के बाद यहां निजी झुले लगाए। निगम इनसे किराया वसूलता है। हर साल 6-7 लाख रुपए की कमाई होती है लेकिन इस पैसे से मेंटेनेंस नहीं किया जाता है। वहीं पार्क में आने वाले लोगों से भी निगम को अच्छी कमाई होती है।
टॉय ट्रेन बंद, झुले-स्लाइडर भी टूटे
बिरसा मुंडा पार्क के उदघाटन के बाद यहां टॉय ट्रेन मुख्य आकर्षण होता था। लेकिन पिछले तीन साल से यह बंद पड़ा हुआ है। नगर निगम इसे शुरू करने की दिशा में कभी प्रयास नहीं किया। बच्चों के लिए लगाए गए झुले और स्लाडर भी टूट गए हैं। कई बच्चे इसी में झुलते हैं, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है।