युवाओं का तेज गति से बाइक दौड़ाना चिंताजनक, नाबालिग बच्चों को न दें वाहन – उपायुक्त 

 उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला यातायात एवं सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

नवंबर माह में 215 लाईसेंस सस्पेंड, 36 लाख से ज्यादा वसूला जुर्माना

जमशेदपुर : उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार जिला स्तरीय यातायात एवं सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। वहीं बैठक में गत माह में हुई सड़क दुर्घटनाओं की विस्तृत समीक्षा, सघन वाहन जांच, हिट एंड रन के मामले में मुआवजा भुगतान, युवाओं के बीच और विद्यालयों में सड़क सुरक्षा संबंधी जागरूकता कार्यक्रम, ब्लैक स्पॉट्स पर किए गए सुधारात्मक कार्य आदि की समीक्षा भी की गई। वहीं सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि निजी अस्पताल सड़क दुर्घटना के घायलों को कानूनी प्रक्रिया के चलते जल्दी भर्ती नहीं लेते हैं। जिसको लेकर उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि गोल्डन आवर में किसी घायल को निजी अस्पताल भर्ती लेते हैं तो अस्पताल प्रबंधन को किसी भी प्रकार से कानूनी प्रक्रिया में नहीं लाया जाएगा। मानवहित में वे सामने आकर मदद करें। ताकि घायलों को गोल्डन आवर में उचित इलाज मुहैया कराते हुए जनहानि को रोका जा सके। इस दौरान उन्होंने सभी निजी अस्पताल प्रबंधक से इस संबंध में बैठक रखने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। जिसमें गुड समारिटन एवं गोल्डन आवर के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी। बताते चलें कि विगत नवंबर माह में जिले में 38 सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिसमें 31 लोगों की मृत्यु हो गई। वहीं 21 लोग घायल भी हुए हैं। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में हुए वृद्धि पर उपायुक्त ने चिंता जताते हुए कहा कि त्योहार के समय युवाओं पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। साथ ही उनके बीच यह संदेश जाए कि आपकी जान कीमती है। ओवरस्पीडिंग जानलेवा होती है। विशेषकर अभिभावकों को विशेष ध्यान देना होगा कि उनके नाबालिग के हाथ में वाहन न हो। इसी तरह निजी स्कूल प्रबंधन भी ध्यान रखें कि कोई नाबालिग दो पहिया या चार पहिया लेकर स्कूल न आएं। बैठक में उन्होंने डीटीओ और डीएसपी ट्रैफिक को रैश ड्राइविंग, ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश भी दिया। उन्होने निर्देशित किया कि ड्रिंक एंड ड्राइव के आरोपियों पर तत्काल एफआईआर करें। सड़क पर सुरक्षित चलना और दूसरों को भी सुरक्षित रखना, यातायात नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इसे गंभीरता से लेते हुए आम नागरिक जिला प्रशासन को सहयोग करें। वहीं ओवर स्पीडिंग या गलत दिशा में ड्राइविंग से ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस संबंध में उपायुक्त द्वारा एनएचएआई के पदाधिकारी को आईआरसी के गाइडलाइन के मुताबिक हाईवे पर उचित कार्रवाई किए जाने का निर्देश भी दिया। एनएचएआईं, आरसीडी और जुस्को को सभी सडकों पर आवश्यकता अनुरूप एवं चौक चौराहों पर अनिवार्य रूप से मार्किंग, साइनेज बोर्ड लगाने का निर्देश भी दिया गया। सभी को सडकों के फ्लैंक को बेहतर करने, जुस्को को मरीन ड्राइव रोड पर मार्किंग एवं साइनेज बोर्ड समेत रम्बल स्ट्रिप लगाने का निर्देश दिया गया। वहीं हाईवे में ओवरस्पीडिंग पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस चेकिंग लगाने का निर्देश दिया गया। जबकि नवंबर माह में सड़क सुरक्षा नियमों की अवहेलना करने पर 215 वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया गया। साथ ही वाहन जांच अभियान में बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालक और बिना सीटबेल्ट के चारपहिया वाहन चालकों समेत अन्य मामलों में करीब 36 लाख रूपए से ज्यादा जुर्माना भी वसूला गया। वहीं स्कूल बसों और वैन में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच करने, स्कूल एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा के प्रति नियमित जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाने का निर्देश भी दिया गया। युवाओं के बीच जागरूकता अभियान में साइकोलॉजिस्ट से भी सहयोग लेने का निर्देश दिया गया। ताकि उनके मनोभाव को समझते हुए जागरुक किया जा सके। समाज व घर के प्रति उनकी जिम्मेदारियों, जीवन की सुरक्षा को लेकर काउंसिलिंग की जा सके। वहीं सड़क दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रूपए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। जिसके तहत उपायुक्त ने इसमें तेजी लाते हुए मुआवजा भुगतान करने के निर्देश भी दिए। अबतक कुल 41 मामलों में 22 के परिजनों को भुगतान किया जा चुका है। साथ ही लंबित 18 में इंश्योरेंस कंपनी के स्तर पर 12 लंबित हैं। जिसके लिए उन्होंने डीटीओ को इंश्योरेंस कंपनी से पत्राचार कर जल्द मुआवजा भुगतान कराने के निर्देश भी दिए। बैठक में डीडीसी मनीष कुमार, एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, एसडीएम घाटशिला सत्यवीर रजक, जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया, डीटीओ धनंजय, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, डीएसपी ट्रैफिक अनिमेष गुप्ता, जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी, एनएचएआई, आरसीडी पदाधिकारी, बस एसोसिएशन के प्रतिनिधि समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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