सरकार का असंवैधानिक कदम कानून के सामने नहीं टिकेगा
जमशेदपुर : पूर्वी के विधायक सरयू राय ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग ने गुरुवार जमशेदपुर को औद्योगिक नगरी घोषित करने की अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना असंवैधानिक और गैरकानूनी है। राज्य मंत्रिपरिषद के संकल्प को ही नगर विकास विभाग ने अधिसूचित कर दिया है। सामान्य अधिसूचनाओं की तरह इसे राज्यपाल के आदेश से जारी बताया गया है। मगर वस्तुस्थिति यह है कि संबंधित संचिका सरकार ने राज्यपाल को भेजा ही नहीं। सिर्फ अपने स्तर से ही जमशेदपुर को औद्योगिक नगर बनाने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं विधायक ने इस बारे में नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे से दूरभाष पर बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि अधिसूचना जारी करने का आदेश लेने के लिए संचिका राज्यपाल को नहीं भेजी गई है। मंत्रिपरिषद का आदेश ही अधिसूचित कर दिया गया और आम आदेशों की तरह इसपर राज्यपाल के आदेश से जारी किया अंकित कर दिया है। क्योंकि नगरपालिकाओं के गठन अथवा विखंडन का अधिकार सरकार मंत्रिपरिषद को है। जिसपर उन्होंने विनय कुमार चौबे को स्मरण कराया कि जमशेदपुर को औद्योगिक नगरी घोषित करने का मामला कार्यकारी नहीं बल्कि नीतिगत है। यह कोई प्रत्यायुक्त विधान नहीं है। बल्कि संवैधानिक प्रावधान है। संविधान के अनुच्छेद 253 (क्यू) में इसका अधिकार राज्यपाल को है और जिसमें कहा गया है कि सरकार वैसे शहरों में नगरपालिका नहीं गठित कर सकती है जहां कोई निकाय नागरिक सुविधाए दे रही है अथवा देने का प्रस्ताव कर रही है। इसका गठन किसी क्षेत्र मे पूर्णतः अथवा अंशतः किया जा सकता है। राज्यपाल शहर के क्षेत्रफल के मद्देनजर इसे पूर्णतः या अंशतः औद्योगिक नगर घोषित करेंगे। परंतु राज्यपाल से आदेश या परामर्श लिए बिना झारखंड सरकार के कैबिनेट से संकल्प पारित कराकर नगर विकास विभाग ने इसकी अधिसूचना कर लिख दिया है कि यह अधिसूचना राज्यपाल के आदेश से की गई है। यह सरकार की अनाधिकार चेष्टा है। संविधान का उलंघन है। इस अधिसूचना के गुण-दोष की समीक्षक इसकी स्तरहीनता की मीमांसा तो अलग से होगी। मगर यह सरकार का असंवैधानिक कदम है और यह कानून के सामने नहीं टिकेगा।