ट्रक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के फैसले का किया विरोध, वाहन रोकने की दी चेतावनी

जमशेदपुर : शहर के जमशेदपुर ट्रक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन ने मंगलवार साकची स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता का आयोजन किया। जिसमें पदाधिकारियों ने एक स्वर में चालक और मालिक संबंधित केंद्र सरकार द्वारा लाए गए मोटर व्हीकल एक्ट भारतीय दंड संहिता 104 (ए) कानून का विरोध किया है। इस दौरान इसे सरकार का गलत कदम बताते हुए जसबीर सिंह ने कहा कि इस कानून का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो सकता है। साथ ही इसके दूरगामी परिणाम भी होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह कानून केवल व्यावसायिक एवं बड़ी गाड़ियों के चालकों पर ही लागू होगा। बल्कि इसकी जद में दो और चार पहिया वाहन चालक भी आएंगे। केंद्र सरकार को सरल और सहज रूप से कानून लाना चाहिए था और जो जनहित में प्रत्येक वाहन चालक के लिए कानूनी कवच के रूप में काम करेगा।वहीं सभी ने एक स्वर में कहा कि कानून में यदि संशोधन नहीं किया गया तो सभी गाड़ियां खड़ी हो जाएगी। जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ आम जनता पर पड़ेगा और जिससे जनता त्राहिमाम करेगी। इसलिए जमशेदपुर ट्रक ट्रेलर ऑनर्स एसोसिएशन अपने प्रत्येक वाहन चालक के साथ खड़ी है। उनके हितों की रक्षा के लिए कानूनी कदम उठाने होंगे और उठाए भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि चालक द्वारा गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होती है तो चालक की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कौन होगा? इस कानून से गाड़ी मालिक को जो आर्थिक नुकसान होगा? प्रशासन द्वारा गलत कदम उठाया जाएगा? इसकी जवाबदेही किसकी होगी? इसी तरह संगठन के अध्यक्ष जसवीर सिंह सिरा ने कहा कि सड़क दुर्घटना के केवल एक पहलू नहीं, बल्कि कई कारण होते हैं। केवल चालक ही जिम्मेदार नहीं होता है। बल्कि कई कारक भी होते हैं। कानून के तहत प्रावधान यह है कि यदि चालक गाड़ी भगा ले गया तो उसे 10 साल की कैद और यदि वह घायल को अस्पताल ले जाता है तो उसे 5 साल की सजा के साथ-साथ आर्थिक दंड देना होगा। संगठन के अनुसार 20 लाख से ज्यादा बसों एवं ट्रकों के चालक हैं। यदि हम आम जनता को जोड़ ले तो इनकी संख्या करोड़ों में होती है। जिसके भयावह परिणाम को समझा जा सकता है। एसोसिएशन सदस्यों ने बताया कि बहुत जल्द सांसद से मिलकर संशोधन के लिए पहल करने की मांग की जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो केंद्रीय मंत्री से मिलने एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भी जाएगा। मौके पर अध्यक्ष जसवीर सिंह सिरा, महासचिव राजीव रंजन सिंह, सह-सचिव प्रदीप शर्मा, चेयरमेन सतबीर सिंह सोमू, तपस्या सिंह, गुंजन कुमार यादव, अजय कुमार सिंह, चरणजीत सिंह, पारसनाथ, सरबजीत सिंह ग्रेवाल, अमित कुमार, अभिषेक झा, बादल कुमार पिंटू, शंकर दयाल सिंह, मनीष ओझा, राकेश चौधरी, निखिल शर्मा समेत अन्य मौजूद थे।

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