कदमा थाना में महिला ने दुष्कर्म का मामला कराया था दर्ज, 10 माह बाद मिली जमानत
जमशेदपुर : साकची स्थित सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को 10 माह बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जिसकी खबर सुनकर उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। जबकि विरोधियों में जमानत मिलने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। वहीं जमानत मिलने के साथ ही उनके परसुडीह स्थित घाघीडीह सेंट्रल जेल से बाहर आने का रास्ता भी साफ हो गया है। उनके लिए नया साल 2024 खास साबित हुआ। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत का ऑर्डर स्थानीय न्यायालय में पहुंचने के बाद सम्भवतः शनिवार को वे जेल से बाहर आ जाएं। वहीं दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट में बुधवार सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेश राज और अभय एस ओका की खंडपीठ ने उनकी जमानत मंजूर कर ली। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरीय अधिवक्ता पल्लवी आनंद और मुस्कान जैन थे। जबकि शहर से अधिवक्ता केएम सिंह और बंश सबलोक पैरवी कर रहे थे। इसी तरह वादी पक्ष से जमानत नामंजूर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पांच अधिवक्ता जयश गौरव, मधु स्मिता बोरा, पवन किशोर सिंह, अनुपम शर्मा, नंदिनी राज, ईश्वर चंद्र राय, दीक्षा ओझा और रंजन निखिल धरनिधर थे। जिसमें झारखंड सरकार के दो अधिवक्ता भी शामिल थे। इस दौरान मुखे की ओर से खड़े अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया की यह महिला पूर्व में भी इस प्रकार से तीन चार लोगों पर केस कर चुकी है। महिला का काम समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति को फंसाकर उनसे रुपए निकालना है। जिसपर कोर्ट ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मुखे को जमानत दे दी। बताते चलें कि मामला 5 नवंबर 2022 का है। जिसके तहत कदमा थाना अंतर्गत उलियान निवासी महिला ने सीजीपीसी के तत्कालीन प्रधान गुरमुख सिंह मुखे पर दुष्कर्म के साथ साथ अप्राकृतिक यौनाचार का मामला थाने में दर्ज कराया था। उस वक्त मुखे कोल्हान के सिख समाज का नेतृत्व भी कर रहे थे। वहीं मामले में महिला का आरोप था कि वह अपने पति से गुजारा भत्ता दिलाने की फरियाद लेकर सीजीपीसी में गई थी। जहां उनकी मुलाकात प्रधान मुखे से हुई। जिसके बाद मुखे ने उनके घर आकर काम के बदले खुश करने को कहा। उस समय वह बात मान गई। मगर बाद में उसे लगा कि समाज के नेतृत्वकर्ता का यह चेहरा वह उतारकर रहेगी। वहीं मुखे के पुनः घर आने पर उसकी वीडियो बना ली। जिसमें वे महिला के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करते हुए साफ दिख रहे थे। मामला दर्ज होने के बाद महिला ने पुलिस को वीडियो भी दिया था। जिसपर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने 1 अप्रैल 2023 को मुखे को बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान जिला न्यायालय और हाई कोर्ट से जमानत न मिलने पर मुखे सुप्रीम कोर्ट गए थे। जहां कोर्ट ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता खड़ा करने का मौका भी दिया था। जबकि मुखे के अधिवक्ता केएम सिंह ने जमानत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि अब वह जमानत ऑर्डर पेश करेंगे। साथ ही बिल्ला मामले में भी प्रोडेक्शन रिकॉल कराएंगे। वहीं शनिवार को उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद भी है।