रांची : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रदेश मीडिया संयोजक दुर्गेश यादव ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत सिन्हा आईआईटी रुड़की जैसे शिक्षण संस्थानों के तर्ज पर रांची विवि के पास सभी प्रकार के भवन, कर्मचारी एवं सुविधाएं रहने के बावजूद भी आखिर क्यों कुलपति विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों को बाहरी स्रोतों के हाथों में सौंपकर विश्वविद्यालय के विधि व्यवस्था को चौपट करने का कार्य कर रहे हैं।
यादव शनिवार को रांची विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न शैक्षणिक समस्याओं और आउटसोर्सिंग कंपनी को हटाने को लेकर प्रान्त कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग का विरोध शुरू से ही विद्यार्थी परिषद करती आई है। रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अविलंब छात्र हित में जल्द से जल्द फैसला ले अन्यथा परिषद आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
प्रदेश सह-मंत्री दिशा ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय पूर्णतः भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है आये दिन छात्र छात्राओं को प्रवेश परीक्षा एवं परिणाम को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विश्वविद्यालय के पदाधिकारी नये नये टेंडर करने में व्यस्त रहते हैं। परीक्षा संबंधी कार्यों का आउटसोर्सिंग करना और भारी गड़बड़ी के बावजूद भी उस निजी कंपनी को संरक्षण देना यह बताता है कि दाल में कुछ काला है।
रांची महानगर जिला संयोजक अमर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय आये दिन सभी विभागों को प्राइवेट कंपनी को सौंपता जा रहा है। परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय की विधि व्यवस्था पूर्णतः ठप हो चुकी है। विश्वविद्यालय के पदाधिकारी शैक्षणिक व्यवस्था के सुधार के लिए नहीं, बल्कि अपने व्यक्तिगत एजेंडे के साथ काम कर रहे है। विश्वविद्यालय के कुलपति विधि व्यवस्था को ठीक करने के बजाय नये-नये टेंडर निकाल कर अपनी जेब भरने में व्यस्त है। यदि कुलपति तत्काल आउटसोर्सिंग कम्पनी को नहीं हटाती है, तो विद्यार्थी परिषद सभी परिसरों में आठ से 18 जनवरी तक चरणबद्ध आंदोलन करेगी। उन्होंने मांग किया कि इस प्रकार के भ्रष्ट कुलपति को राजभवन तत्काल पदमुक्त करे।