अवैध चेम्बर आवंटन के विरुद्ध लड़ाई अंतिम साँस तक जारी रहेगी:- अधिवक्ता गजेन्द्र

कतरास: दिनांक 04/01/24 को अधिवक्ता गजेन्द्र द्वारा फ़ाइल रिट पर सुनवाई हुई. जिसमें अधिवक्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय को बताया गया की बिना किसी मापदंड के चेम्बर को अपने क़रीबियों में महासचिव और अध्यक्ष द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए बाँट दिया गया, ना कोई ऑक्शन किया गया जिससे बार को ज़्यादा पैसा आता और ना ही कोई लॉटरी किया गया जिससे चेम्बर आवंटन में पारदर्शिता दिखा, वरीयता के आधार पर भी चेम्बर आवंटन नही करने का आरोप ख़ासकर महासचिव पर लगाया क्योंकि महासचिव द्वारा सबसे बड़ा चेम्बर अपने पिता के नाम अलॉट किया गया. जबकि वरीय अधिवक्ता समरेंद्र कुमार श्रीवास्तव हरेक मामले में महासचिव के पिता से वरीय थे जिसका सबसे बड़ा प्रमाण एनरोलमेंट नम्बर हैं और महासचिव अपने पिता के देहांत के बाद भी किस आधार पर चेम्बर नम्बर एक पर क़ब्ज़ा बनाए हुए हैं. अधिवक्ता ने बताया की चेम्बर नम्बर एक आदरणीय समरेंद्र कुमार श्रीवास्तव सर को वरीयता के आधार पर आवंटित किया जाना चाहिए था पर ऐसा नही किया गया,

अधिवक्ता ने यह भी कहा की एक ओर जहाँ वकीलों को बैठने की जगह नही और वे लोग बरसात ठंड और गर्मी में प्लास्टिक लगाकर प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं दूसरी ओर महासचिव द्वारा सबसे बड़ा चेम्बर मे वकीलों का पैसा को लूट कर आलीशान चेम्बर बनवाया जा रहा हैं। ये भी दलील दिया गया की मात्र तीन दिन के लिए चेम्बर आवंटन का आवेदन का नोटिस निकालना ही चेम्बर आवंटन में घोटाला को प्रमाणित करता हैं वो भी दिखावा के लिए क्योंकि महासचिव द्वारा ये पूर्व में तय कर लिया गया था की किसे चेम्बर देना हैं और किसे नही, साथ ही उन्होंने ये भी कहा की अब तक ये सार्वजनिक नही किया गया हैं कि किसने कितना पैसा बार को दिया चेम्बर लेने के लिए, साथ ही धनबाद बार असोसीएशन में बालू छड़ गिट्टी घोटाला भी किया जा रहा हैं. 19500 का बालू लगभग 27000 में ख़रीदा जा रहा हैं, दलीलों को सुनने के बाद माननीया उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री आनंदा सेन ने महासचिव और अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए काउंटर ऐफ़िडेविट फ़ाइल करने का आदेश दिया है जिससे धनबाद बार के वकीलों में आस जगी हैं की अधिवक्ता का पैसा से बना चेम्बर का अनैतिक तरीक़े से लूट ना हो.

अधिवक्ता ने घोषणा किया हैं की अवैध चेम्बर के ख़िलाफ़ उनकी लड़ाई अंतिम साँस तक जारी रहेगी और वो माननीया उच्च न्यायालय से स्पेशल ऑडिट का माँग करेंगे जिसमें महासचिव का लूट आम वकीलों के सामने होगा । अधिवक्ता ने ये भी आरोप लगाया की बार में ख़रीद होनेवाली हरेक सामान को कमिशनखोरी के चक्कर में बाज़ार मूल्य से महँगा दाम में ख़रीदा जा रहा हैं उन्होंने ये भी माँग किया की भूतल के सभी चेम्बर को तोड़ कर कैंटीन बनाना चाहिए और सबसे पहले सभी अधिवक्ता को बैठने का जगह बनाना चाहिए उसके बाद चेम्बर का निर्माण होना चाहिए ।

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