डीसी ने स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग के साथ की मासिक बैठक

– कहा ग्रामीणों को झाड़-फूंक को लेकर जागरूक करें, झोलाछाप डॉक्टरों पर रखें निगरानी

जमशेदपुर : जिले के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने शुक्रवार समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग के साथ एक समीक्षात्मक बैठक की। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर कैसे किया जाए, इसपर विचार विमर्श किया गया। बैठक में डीडीसी मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, एसीएमओ डॉ जगेश्वर प्रसाद, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ ए मित्रा, डीआरसीएचओ डॉ रंजीत पांडा, डीटीओ डॉ ओपी केशरी, डीएलओ डॉ मृत्युंजय धावड़िया, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी समेत एमओआईसी, सीडीपीओ, डीपीसी और डीडीएम भी उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार झाड़-फूंक या झोलाछाप डाक्टर के चक्कर में फंसकर लोग जान तक गंवा बैठते हैं। प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा होने के कारण हम सभी को इसे चुनौती की तरह लेते हुए लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के साथ-साथ जागरूक करने में भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने सभी एमओआईसी को निर्देशित किया कि लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा देने के साथ-साथ काउंसिलिंग भी करें । उन्होंने सभी से अपने सूचनातंत्र को मजबूत करते हुए झोलाछाप डॉक्टरों पर निगरानी रखते हुए त्वरित कानूनी कार्रवाई किए जाने का निर्देश भी दिया है। वहीं एनवीडीसीपी की समीक्षा में डीसी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डुमरिया और गुड़ांबादा क्षेत्र में मास फीवर सर्वे कराए जाने की बात भी कही। जिसपर कुछ एमओईसी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाही के कारण कई बार मलेरिया के रोगी भी रिकवर नहीं हो पाते हैं। मच्छरदानी का उपयोग नहीं करने तथा इलाज के लिए ओझा-गुणी या झोलाछाप डॉक्टर के पास चले जाते हैं। जिसके तहत डीसी ने एमडीए अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभागीय कर्मियों से मच्छरदानी का उपयोग लोग करते हैं या नहीं, इसकी भी जानकारी लेने की बात कही है। साथ ही अनिवार्य रूप से ग्रामीण मच्छरदानी का प्रयोग करें, इसके लिए जन-जागरूकता लाने का निर्देश भी दिया है। इसी तरह एनटीसीपी की समीक्षा में सभी संबंधित पदाधिकारी को अवैध रूप से तंबाकू बिक्री करने वालों के विरूद्ध सघन छापेमारी अभियान चलाते हुए दण्डित करने का निर्देश भी उन्होंने दिया है। प्रत्येक माह होने वाले महिला एवं बच्चों का रोग प्रतिरक्षण कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन, कुष्ठ, एचआईवी के मामलों की भी समीक्षा की गई। टीबी को लेकर उन्होंने अपील की है कि वैसे सभी व्यक्ति जिन्हें दो सप्ताह या उससे ज्यादा समय से सूखी खांसी हो रही हो। वे अपनी जांच नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर जांच जरूर कराएं।वहीं बैठक में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निर्देश सभी सीडीपीओ एवं एमओआईसी को दिया गया। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधि, स्थानीय संगठनों से भी जन-जागरूकता लाने में सहयोग लेने की बात कही गई। वीएचएसएनडी में एएनएम और सहिया की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा गर्भवती एवं संभावित गर्भवती महिलाओं के जांच का निर्देश भी दिया गया। डीसी ने गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच पर बल देते हुए कहा कि जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहे और इसके लिए उनका एएनसी जांच कराना जरुरी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सिर्फ एएनसी जांच ही नहीं, बल्कि डिलिवरी होने तक गर्भवती माताओं को फॉलो करें। सभी एमओआईसी एवं सीडीपीओ को निर्देश दिया गया कि सेविका एवं सहिया के माध्यम से सभी गर्भवती महिला को फॉलो करें। डिलीवरी जिला के अंदर किसी अस्पताल में हो या पड़ोसी जिला, पड़ोसी राज्य में बस ये सुनिश्चित करें कि संस्थागत प्रसव ही हो। बैठक में समाज कल्याण विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर सभी सुयोग्य को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले। इसे भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

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