कहा प्रशासन के साथ आपसी समन्वय से हो कंपनियों के सीएसआर फंड का उपयोग
जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में मंगलवार उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में सीएसआर कमिटी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें उपस्थित विभिन्न कंपनी के प्रतिनिधियों से सीएसआर के तहत उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी ली गई। साथ ही अगले वित्तीय वर्ष में सीएसआर फंड के उपयोग की कार्ययोजना पर विमर्श भी किया गया। इस दौरान जिन प्रतिनिधियों के पास आगामी कार्ययोजना को लेकर अधतन रिपोर्ट नहीं थी, उन्हें आगामी बैठक में प्रतिवेदन के साथ आने को कहा गया। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि हम सभी इस दिशा में समेकित प्रयास करें कि अगले 2 वर्षों में जिले से 200 नए उद्यमी सामने आ पाएं। उन्होंने कहा कि जिले में रोजगार सृजन के क्षेत्र में कई संभावनाएं भी है। जिलों की अपेक्षा यहां के युवाओं में बढ़िया एक्सपोजर है। बस जरूरत है तो सिर्फ उन्हें प्रोत्साहित कर प्लेटफॉर्म देने की। जिले में ऐसी कई विश्वस्तरीय संस्थाएं कार्य कर रही हैं। विशेषकर टाटा फाउंडेशन, एनआईटी, एक्सएलआरआई आदि जिनके विशेषज्ञों के साथ जिले के युवाओं को जोड़कर मार्गदर्शन दिया जाए तो रोजगार सृजन के क्षेत्र में नई क्रांति ला सकते हैं। इसके अलावा एक उद्यमी अपने साथ 40 से 50 लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं। वहीं उपायुक्त ने सीएसआर राशि के उपयोग को लेकर योजनाओं के चयन में युवा, महिला, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सृजन की योजनाओं को प्राथमिकता पर रखने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड ऐसी चीज है, जो विविध क्षेत्रों के लोगों की सुविधाओं को नया आयाम देने के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए संबंधित कंपनी व अधिकारियों को इस फंड से होने वाली योजनाओं के चयन में पूरी पारदर्शिता रखनी ही चाहिए। इसी तरह उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड का उपयोग जिला प्रशासन के साथ आपसी समन्वय से हो तो और बेहतर तरीके से इसका उपयोग किया जा सकता है। जिला स्तर पर सीएसआर गतिविधियों के संचालन, क्रियान्वयन, प्रबंधन, मार्गदर्शन एवं निगरानी के लिए मैकेनिज्म तैयार करने के उद्देश्य से कमिटी गठित है। उन्होंने राज्य सरकार के उद्योग विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुश्रवण पर बल देते हुए कहा कि योजनाएं ओवरलैप नहीं होनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि कंपनियां अपने सीएसआर प्रावधानों का जिस तरह से बेहतर उपयोग कर रही हैं, उससे व्यापक हित को देखते हुए आवश्यकता व मांग के अनुसार गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाये जाएं। राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर समाज के वंचित वर्ग के आर्थिक-सामाजिक उत्थान की दिशा में जिला प्रशासन कार्य करती है और ऐसे में सीएसआर फंड अनिवार्य है और जो कंपनियों के लिए व्यय करना, उसका सटीकता से आकलन कर व्यय किया जाए तो चीजें और आसान होंगी। वहीं एक बड़ा वर्ग भी इससे लाभान्वित हो सकेगा। बैठक में डीडीसी मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, जिला योजना पदाधिकारी अरूण द्विवेदी, कार्यकारी महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, उद्योग विभाग के राज्य स्तरीय परामर्शी व पदाधिकारी, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि समेत विभिन्न कंपनियों के सीएसआर हेड व मैनेजर समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।