कंबल के साथ तीन हजार टोपी का भी किया वितरण
मुसलोहद्दीन की रिपोर्ट
पाकुड़: असहाय गरीबों की मदद के लिए हमेशा खड़े रहने वाले समाजसेवी लुत्फ़ल हक ने एक बार फिर दरियादिली दिखाई है।उन्होंने बुधवार को कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिले के हिरणपुर प्रखंड अंतर्गत सीतपहाड़ी गांव में 3000 गरीबों को कंबल ओढ़ाकर इस कड़ाके की ठंड में राहत दिलाने का काम किया। प्रखंड के 25 गांव के असहाय लोगों के बीच कंबल के साथ-साथ 3000 टोपी का विवरण किया।लुत्फ़ल हक ने जिन गांवों के ग्रामीणों को कंबल और टोपी देकर ठंड से राहत पहुंचाया,उनमें कस्तूरी, मंजलाडीह, फतेहपुर, सीतपहाड़ी, ऊपर बंधा, म्हारो, तारजोला, नरगंज,सफाराम, मुर्गाडंगा,बेलपहाड़ी,बेलडीहा, बरमसिया,मानसिंहपुर,गणेशपुर, रौनकपुर,शहरपुर,पलानिया सहित अन्य गांव के ग्रामीण शामिल है। पूर्व निर्धारित समय के अनुसार फुटबॉल मैदान में वितरण समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें ठंड से ठिठुर रहे असहाय लोगों की भीड़ जमा हो गई। एक-एक कर सभी को कंबल और टोपी दिया गया। पिछले कई दिनों से तापमान में गिरावट और पछुआ हवा की वजह से बेतहाशा ठंड से परेशान लोगों ने कंबल और टोपी पाकर राहत महसूस किया।
इस दौरान लाभान्वित लोगों में खुशी देखी गई। उनके चेहरे पर मुस्कान छा गई। इनमें अधिकतर बुजुर्ग पुरुष एवं महिलाएं शामिल थे। लुत्फुल हक ने कहा कि जिंदगी बहुत छोटी है। कब किसकी जिंदगी का पहिया कहां रुक जाए, कहना मुश्किल है। इसलिए हमें हमेशा सकारात्मक सोच के साथ चलना चाहिए। एक दूसरे की मदद के लिए खड़े रहना चाहिए। अगर खुदा ने हमें असहाय जरूरतमंदों के मदद के लायक बनाया है, तो पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान हो, चाहे पशु, सुख और दुख, कष्ट का सभी को एक ही तरह महसूस होता है। जिस तरह कड़ाके की ठंड पड़ रही है और हम ठंड से परेशान है, असहाय गरीब परिवार के लोग भी ठंड से परेशान है।
हमें ऐसे असहाय गरीबों को हो रही परेशानी को महसूस करना होगा। मुझे लगा कि अगर कंबल और टोपी देकर थोड़ा सा भी राहत पहुंचे, तो अच्छा रहेगा। इसलिए मैंने कंबल और टोपी वितरण का मन बनाया। आज इतनी तादाद में यहां लोग जुटे हैं, निश्चित रूप से यहां आना उनकी मजबूरी है। उनकी जरूरत ने यहां खींच कर लाया है। हमें इन्हें खुले दिल से मदद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग एक सप्ताह से कंबल वितरण का काम निरंतर जारी है। आगे भी कंबल वितरण का काम किया जाएगा। ताकि इस कड़ाके की ठंड से जरूरतमंद लोगों को थोड़ी राहत मिल सके।