पीड़िता ने जोगता थाना प्रभारी तथा केस जाँच कर्ता पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया
दोनों अधिकारीयों ने फर्जी आरोप लगाकर मुझे मेरे मर्जी के बिरुद्ध एनजीओ भेज दिया
कतरास: दिनाँक 16/01/2024 को जोगता थाना में पोकसो के तहत कांड संख्या—17/23 की जाँच के लिए झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील कुमार वर्मा पीड़िता ममता(बदला हुआ काल्पनिक नाम) के घर पहुंचकर घटना की जानकारी ली,जहाँ पीड़िता ने आयोग के सदस्य के समक्ष थाना प्रभारी दीपक कुमार झा तथा केस जांचकर्ता रमेश सिंह पर कांड संख्या—17/23 के आरोपियों के संरक्षण देने का आरोप लगाया, पीड़िता ने कहा की बबलू अंसारी तथा चाँदनी खातून दोनों ही हत्या के आरोपी रहे हैं किन्तु उसका आपराधिक इतिहास को जांचकर्ता ने न्यायालय में केस डायरी में नहीं दर्ज किया, साथ ही एक आरोपी के प्रभाव में आकर उसे बचाने के लिए थाना प्रभारी तथा रमेश सिंह ने उल्टे मेरे ही परिजनों मेरे भाई तथा मेरी माँ को हिरासत में लेकर जेल भेजने का प्रयास किया जिसे माननीय न्यायालय ने खारिज कर दिया,दूसरी ओर आरोपी पप्पू सहाय को बचाने के लिए पक्षपातपूर्ण ढंग से आरोपी से रिश्वत लेकर उसके मामले में साक्ष्य की कमी दर्शा कर जांच प्रतिवेदन न्यायालय में समर्पित कर दिया जो कि अन्यायपूर्ण है, साथ ही इन दोनों अधिकारियों ने फर्जी आरोप लगाकर मुझे मेरे मर्जी के विरुद्ध एनजीओ भेज दिया जिसके कारण मेरी पढ़ाई बाधित हुई, बच्ची ने केस जांचकर्ता तथा थाना प्रभारी दीपक कुमार झा पर 164 के बयान के वक्त धमकी देने का आरोप लगाया साथ ही एक आरोपी को बचाने का प्रयास तथा केस को कमजोर करने का आरोप दोनों पुलिस अधिकारियों पर लगाया. विदित हो कि 28/05/23 को पीड़िता की शिकायत पर जोगता थाना में मामला दर्ज किया गया था.