रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 रिपोर्ट पेश किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड की जीएसडीपी राष्ट्रीय लेखा के आधार पर 2011-12 में लगभग एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये का था, जो 2018-19 में बढ़कर दो लाख 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है और वर्तमान में 3 लाख 05 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। कोविड काल में ये आंकड़े गिर गया था। हालांकि, तब से राज्य की जीएसडीपी में लगातार वृद्धि हुई है।
वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि वर्ष 2020-21 में झारखंड का देश की जीडीपी में 1.6 प्रतिशत का योगदान था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1.63 प्रतिशत हो गया। वर्ष 2022-23 में इसमें मामूली गिरावट आई और यह आंकड़ा 1.62 प्रतिशत पर रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति के संदर्भ में झारखंड देश के सबसे कम प्रति व्यक्ति वाले राज्यों में से एक है।
वर्ष 2000-01 में अस्तित्व में आने के साथ ही यह 28 राज्यों की सूची में 26वें स्थान पर था। केवल पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश ही इससे नीचे था। विगत दो दशकों में भी स्थिति में व्यापक परिवर्तन नहीं आया। वर्ष 2021-22 में भी एक स्थान के मामूली सुधार के साथ झारखंड इस सूची में 25वें स्थान पर था। केवल बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर ही झारखंड से पीछे थे।
इससे पहले झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को 11 बजकर 06 मिनट पर सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सत्र शुरू होते ही सदन में जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक का मामला गूंज उठा। भाजपा विधायक वेल में पहुंचकर जोरदार हंगामा करने लगे और पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
झारखंड विधानसभा के दूसरे दिन भोजनावकाश के बाद 4981 करोड़ का तीसरा अनुपूरक बजट पास हो गया। इस दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। विधेयक पास होने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार 11:00 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई।