कहीं पेवर ब्लॉक के ऊपर बिछा दिया पेवर ब्लॉक तो कहीं पेपर ब्लॉक के ऊपर ही बना दिया रोड
– बालू की जगह स्टोन डस्ट का कियाा इस्तेमाल, नाली में 12 इंच की जगह डाल दी 9 इंच की पाइप
जमशेदपुर : कुछ माह पहले 15 वें वित आयोग योजना के तहत जमशेदपुर अक्षेस विभाग द्वारा टेंडर निकाला गया था। जिसके तहत बिस्टुपुर के धातकीडीह निवासी बच्चू खान की ठेका कंपनी केडी इंफ्रा इंडीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को 2 करोड़ 60 लाख और मुकेश सिंह के झारखंड इंटरप्राइजेज नामक ठेका कंपनी को एक करोड़ 16 लाख रुपए का ठेका मिला था। जिसमें कदमा और बिस्टुपुर क्षेत्र में कन्वर्ट, नाली, पेवर ब्लॉक, रोड आदि का निर्माण कार्य करना था। वहीं झारखंड इंटरप्राइजेज ठेका कंपनी को कदमा उलियान शीतला मंदिर से लेकर सतीघाट रोड और बिस्टुपुर आउटर सर्किल रोड बेली बोधन वाला गैरेज तक पेवर ब्लॉक बिचाने समेत अन्य कार्य करना था। इसी तरह ठेका कंपनी केडी इंफ्रा इंडीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को भी कदमा रंकिनी मंदिर से लेकर कदमा बाजार, रामनगर, रामजनम नगर, भाटिया बस्ती और उलियान में पेवर ब्लॉक बिछाने समेत अन्य कार्यों को करना था। इस दौरान कार्य तो किया गया। मगर उसमें भारी अनियमितता भी बरती गई है। सूत्रों से पता चला है कि ठेका कपनी केडी इंफ्रा इंडीकॉम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कदमा क्षेत्र में जहां-जहां भी पेवर ब्लॉक बिछाया गया है। उसमें बालू से ज्यादा स्टोन डस्ट का इस्तेमाल किया गया है। जैसे कदमा रंकिनी मंदिर से लेकर बाजार, रामजनम नगर केपीएस स्कूल के सामने व ठाकुर होटल के बगल में स्थित गली, रामनगर, उलियान टैंक रोड, गायत्री पथ, बिपाशा पथ, नर्मदा पर, बंधु पथ और कावेरी पथ में पेवर ब्लॉक बिछाया गया है। सिर्फ यही नहीं टैंक रोड और बंधु पथ में कई जगह ठेका कंपनी द्वारा पेवर ब्लॉक के ऊपर ही पेवर ब्लॉक बिछा दिया गया। चुंकि 400 सीएफटी (एक हाइवा) बालू का बाजार मूल्य 27 हजार से लेकर 30 हजार रुपए तक है। जिसे बचाने के लिए ठेका कंपनी ने 11 हजार रुपए खर्च कर स्टोन डस्ट ही मंगवा लिया और जिसका इस्तेमाल वह धड़ल्ले से करता रहा। नियमत: 3 इंच बालू देने के बाद ही पेवर ब्लॉक बिछाने का प्रावधान है। मगर ठेका कंपनी ने स्टोन डस्ट डालने के बाद ऊपर से बालू छिड़ककर पेवर ब्लॉक को बिछा दिया। इसी तरह भाटिया बस्ती चौक से लेकर दुर्गा बाड़ी मंदिर तक हाल ही में बिछाए गए पेवर ब्लॉक के ऊपर ही रोड बना दिया गया। और तो और उलियान सिंडिकेट कॉलोनी के बगल में ठेका कंपनी द्वारा नाली का निर्माण भी करवाया गया है। जिसमें 12 इंच का पाइप डालने के बजाय 9 इंच का पाइप डाल दिया गया। वहीं काम शुरू होने से लेकर अब खत्म होने तक ठेका कंपनी द्वारा कार्यों में भारी तौर पर गोलमाल किया गया है। इसमें सबसे खास बात तो यह है कि 15 वें वित्त आयोग योजना का पूरा कार्य जमशेदपुर अक्षेस विभाग के इंजीनियर जियाउल हक की देख-रेख में चल रहा था। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि काम के दौरन बीच बीच वे आकर इसकी गुणवत्ता की जांच भी करते थे। बावजूद इसके कार्यों में इतनी बड़ी गड़बड़ी होना अधिकारियों से मिली-भगत की ओर इशारा करता है। बताते चलें कि ठेका कंपनी केडी इंफ्रा इंडीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को मिले टेंडर का काम अंतिम चरण पर है। अगर इसकी जांच हुई तो कईयों के गर्दन फंसने की पूरी संभावना भी है।