– केबुल कंपनी मामले में एनसीएलटी में हस्तक्षेप का सरकार ने दिया आश्वासन
– विधायक ने निजी संकल्प के माध्यम से सदन में रखी चार मांगे
जमशेदपुर : गोलमूरी स्थित केबुल टाउन के घरों में बिजली का सीधा कनेक्शन देने की समस्या दूर करने के लिए सरकार ने 15 दिनों का समय लिया है। वहीं विधायक सरयू राय के निजी संकल्प पर विधानसभा में प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने यह आश्वासन सदन में दिया। बहस के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने नियमन दिया कि प्रभारी मंत्री एवं विधायक सरयू राय अभी बैठक कर केबुल कंपनी संबंधी समस्या के निराकरण का प्रयास करें। जिसके बाद प्रभारी के कक्ष में विधायक सरयू राय, मंत्री बादल पत्रलेख और उद्योग सचिव जितेन्द्र सिंह की एक बैठक हुई। जिसमें मंत्री ने आश्वासन दिया कि केबुल कर्मियों का बकाया भुगतान के मामले में एनसीएलटी में हस्तक्षेप करने पर सरकार विचार कर रही है। साथ ही सरकार कोशिश करेगी कि समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो जाय। विधानसभा में अपना निजी संकल्प रखते हुए सरयू राय ने कहा कि वे सदन के समक्ष 4 बिन्दुओं पर सरकार की ओर से कार्रवाई चाहते हैं। जिसके तहत केबुल टाउन की 177 एकड़ जमीन पर सरकार औद्योगिक गतिविधियाँ आरंभ करें। ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। साथ ही यहां के बाशिन्दों के घरों में सीधे बिजली का कनेक्शन मिले और सफाई आदि जनसुविधाएं देने का आदेश सरकार टाटा स्टील यूआईएसएल को दें। इसी तरह केबुल कंपनी की जमीन पर खेलकूद एवं कला-संस्कृति केन्द्र का निर्माण सरकार करें। और तो और केबुल कर्मियों का वेतन-भत्ता मद में बकाया का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एनसीएलटी में चल रहे मुकदमा में सरकार श्रमिकों के पक्ष में हस्तक्षेप याचिका दायर करें। विधायक सरयू राय ने इस बारे में सरकार के उत्तर को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि सरकार सुनिश्चित करें कि केबुल टाउन के घरों में सीधे बिजली का कनेक्शन देने के लिए वह टाटा स्टील यूआईएसएल को निर्देश देगी अथवा नहीं, यह साफ-साफ बताएं। उन्होंने इस बारे में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त स्तर पर टाटा स्टील के अधिकारियों के साथ हुई बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि टाटा स्टील केबुल टाउन में बिजली देने के लिए तैयार है। इसके लिए सरकार अथवा प्रशासन से निर्देश की अपेक्षा कर रही है। इस पर प्रभारी मंत्री ने आश्वासन दिया कि 15 दिनों के अंदर इस समस्या का समाधान हो जाएगा। प्रभारी मंत्री, उद्योग सचिव और विधायक सरयू राय के संयुक्त बैठक में यह बात तय हुई कि सरकार केबुल कर्मियों का मामला एनसीएलटी से शीघ्र समाधान कराने के लिए कानूनी पहलूओं पर विचार कर कानूनी सलाह लेकर इसके बारे में आगे पहल करेगी।