– एमडी ने पॉड एंड बियॉन्ड स्मार्ट होटल में बायोगैस कचरा प्रबंधन प्रणाली का किया उद्घाटन
जमशेदपुर: टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी रितुराज सिन्हा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका सपना है कि लौहनगरी के घर-घर घर में बायोगैस कचरा प्रबंधन प्रणाली हो। ताकि घरों से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन घर में ही हो सके। इससे ना केवल ‘वेस्ट मैनेजमेंट एट सोर्स’ में सफलता मिलेगी। बल्कि बायोगैस कचरा प्रबंधन प्रणाली से निकलने वाले ईंधन का उपयोग घरों में ही हो सकेगा। इसके लिए टाटा स्टील यूआईएसएल हर संभव मदद के लिए तैयार है। इससे पूर्व उन्होंने जमशेदपुर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (जेएचआरए) और टाटा स्टील यूआईएसएल की साझा पहल के तहत स्थापित बायोगैस कचरा प्रबंधन प्रणाली का उद्घाटन बिस्टुपुर स्थित पॉड एंड बियॉन्ड स्मार्ट होटल में किया। पर्यटन और हॉस्पिटालिटी के क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि फूड वेस्ट मैनेजमेंट समय की जरुरत है। यह ना केवल होटल और रेस्टुरेंट बल्कि घरों और रेसिडेंशियल सोसाइटी में भी किया जाना चाहिए। साथ ही जमशेदपुर के हर घर में यह सुविधा हो। वहीं जेएचआरए और टाटा स्टील यूआईएसएल ने सभी होटलों, रेस्तरां में बायोगैस आधारित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करने वाला देश का पहला शहर बनने के लिए हाथ मिलाया है। पॉड एन बियॉन्ड स्मार्ट होटल और होटल मद्रासी बिस्टुपुर के साथ बायो गैस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली प्राप्त करने वाला झारखंड का पहला होटल बन गया है। मौके पर जेएचआरए के अध्यक्ष रवीश रंजन ने इस क्षेत्र पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रभाव पर जोर देते हुए सहयोग के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि होटल पॉड में इस बायो गैस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की शुरूआत होटल क्षेत्र में टिकाऊ अपशिष्ट निपटान की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इस प्रणाली से शुरुआत में होटल को प्रति माह कम से कम तीन एलपीजी सिलेंडर बचाने की उम्मीद है। जिससे लागत बचत और पर्यावरण संरक्षण दोनों में योगदान मिलेगा। इस सहयोग का व्यापक लक्ष्य बायो गैस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को जमशेदपुर के सभी होटलों तक विस्तारित करना है। प्रणाली का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि इसका बय-प्रोडक्ट पौधों के लिए मूल्यवान खाद के रूप में कार्य करता है और जो एक सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देता है। हम इस पहल के लिए टाटा स्टील यूआईएसएल के आभारी हैं और यह स्थायी भविष्य को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को देश में एक महत्वपूर्ण अपशिष्ट जनरेटर के रूप में मान्यता प्राप्त है। होटल, रेस्तरां, रिसॉर्ट्स से खाद्य अपशिष्ट के प्रबंधन की जटिल चुनौती और अन्य वाणिज्यिक आतिथ्य ऐसे केंद्र हैं, जिनसे उद्योग जूझ रहा है। आदर्श रूप से अपशिष्ट निर्माण और पुनर्चक्रण के बीच एक लूप होना चाहिए। जिसमें होटल अपने स्वयं के अपशिष्ट का प्रबंधन करते हैं और नगर निगमों पर बोझ कम करते हैं। वहीं जेएचआरए और टाटा स्टील यूआईएसएल के बीच यह साझेदारी प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत पहल के साथ संरेखित है। जिसमें कचरे को संसाधनों में परिवर्तित करने में आतिथ्य उद्योग की भूमिका पर जोर दिया गया है। स्थाई अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को आगे बढ़ाकर उद्योग भारत के 180 अरब डॉलर के जीवाश्म ईंधन आयात को कम करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इस दौरान जेएचआरए की वरीय पदाधिकारी स्मिता पारीख ने भी सम्बोधित किया। साथ ही टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी रितुराज सिन्हा के सहयोग की प्रशंसा भी की।