टंडवा: 27 मार्च 2024 को सीसीएल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित कोयला उत्पादन लक्ष्य 84 मिलियन टन 4 दिन शेष रहते प्राप्त किया। 84 मिलियन टन अभी तक का सबसे अधिक उत्पादन लक्ष्य था। इसमें मगध और आम्रपाली का 40 मिलियन कोयला शामिल हैं।सीसीएल के अधिकतर क्षेत्र समय से पहले ही अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त किया है जिससे सीसीएल के सीएमडी। बी बीरा रेड्डी परियोजना के अधिकारियों से प्रभावित हैं। इसका श्रेय सीसीएल ने
भारत सरकार, राज्य सरकार, कोल इंडिया लिमिटेड , सहयोगी कंपनियां ,स्थानीय प्रशासन तथा हितधारकों को दिया है जिसके सराहनीय मदद से सीसीएल ने समय से पहले अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त किया। बताया गया कि
सीसीएल के सीएमडी, निदेशकगण, मुख्यालय के विभागाध्यक्षों एवं क्षेत्रों के महाप्रबन्धकों को लेकर एक टीम बनाई गयी थी , जो लगातार उत्पादन प्रक्रिया का मॉनिटरिंग एवं सहयोग कर रही थी। यह टीम क्षेत्रों में जाकर कामगारों के उत्साह वर्धन कर रही थी ताकि सीसीएल के सभी अधिकारी एवं कर्मी एक टीम भावना के तहत कार्य करें जिसके फलस्वरूप सीसीएल ने समय से पहले ही अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त कर लिया। ज़ारी विज्ञप्ति के अनुसार सीसीएल झारखंड के आठ जिले राँची, रामगढ़, हज़ारीबाग़, चतरा, बोकारो, गिरिडीह, पलामू और लातेहार में खनन गतिविधियाँ संचालित कर रहा है। सीसीएल द्वारा कोयले की आपूर्ति उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों सहित देश के विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों को की जा रही है।
सीसीएल अपने कमान क्षेत्रों एवं आस-पास के हितधारकों के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा सीसीएल द्वारा अनेकों जन कल्याणकारी योजनाएँ परिचालित किये जाते हैं। इन योजनाओं का लाभ सीसीएल का कमान क्षेत्रों एवं आस-पास के लोगों को मिलता है। सीसीएल प्रतिदिन श्रमिक दिवस एवं प्रत्येक शुक्रवार एवं मंगलवार को कोयला उत्पादन दिवस मना रहा है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर सीसीएल के सीएमडी डॉ. बी. वीरा रेड्डी सहित सभी निदेशकगण ने पूरे सीसीएल परिवार को हार्दिक बधाई दी और कहा कि सभी बाधाओं को पार कर इस कठिन कार्य को करने में पूरे सीसीएल परिवार का सराहनीय योगदान है और आगे भी टीम सीसीएल इसी तरह नए नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।