1962 में पैसा नहीं ईमानदारी हावी था : मो नईम
संजय सागर
बड़कागांव : हजारीबाग लोकसभा चुनाव को लेकर बड़कागांव में सर्वप्रथम हेलीकॉप्टर 1962 में चुनाव के दौरान आया था. इस संबंध में 81 वर्षीय पूर्व मुखिया मो नईम ने बताया कि जब बड़कागांव के ग्वांट के पास हेलीकॉप्टर आया था,तो हेलीकॉप्टर को देखने के लिए बड़कागांव, केरेडारी ,टंडवा ,बादम, रामगढ़ के लोग आए थे. उसे समय बसंत नारायण सिंह जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे. और अपना चुनाव प्रचार करने आए थे. राजा के प्रति बड़कागांव के लोगों का इतना लगाव था कि पांव के पंजी के धूल को प्रणाम करते थे. उस समय पैसा नहीं बल्कि ईमानदारी हावी था. लोकसभा का चुनाव में बड़कागांव का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.क्योंकि 1952 से लेकर 1968 तक राज परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते थे .कर्णपुरा राज की राजधानी बड़कागांव एवं बादम रहा करता था. राजा दलेल सिंह थे .इसी राज परिवार के बसंत नारायण सिंह कामाख्या नारायण सिंह एवं सौरव नारायण सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ा करते थे .हालांकि सौरव नारायण नारायण सिंह लोकसभा का चुनाव जीत नहीं पाए .लेकिन उनके वंशज बसंत नारायण सिंह एवं कामाख्या नारायण सिंह चुनाव में सफलता हासिल किए थे.1962 के लोकसभा चुनाव में राजा की जनता पार्टी के टिकट पर डॉ बसंत नारायण सिंह हजारीबाग के तीसरे सांसद चुने गए थे उन्होंने कांग्रेस के जमाल अंसारी को पराजित किया था. 77 वर्षीय महाजन प्रसाद ने बताया कि बड़कागांव में दूसरी बार हेलीकॉप्टर राजा बागी में 1968 में आया था. उस समय राज परिवार की ओर से जनता पार्टी से मोहन सिंह ओबेरॉय चुनाव प्रचार करने आए थे. इस चुनाव में ओबेराय की जीत हो गई थी. 1968 में लोकसभा का उपचुनाव हुआ था. माही रंजन प्रसाद ने बताया कि राजा कामाख्या नारायण सिंह एवं वसंत नारायण सिंह बड़कागांव के निवर्तमान सरपंच किशुन साव एवं मुस्लिम मोहल्ला के मोइन खान से मिला करते थे .बड़कागांव का सबसे बड़ा पॉलिटिशियन मोइन खान को माना जाता था.