माहे रमजान के अलविदा जुम्मा की नमाज़ मस्जिदों में अक़ीदत के साथ अदा

पाकुड: आलमे इस्लाम का मुबारक माह रमजान महीना जारी है जो ईद के चाँद के दीदार के साथ खत्म होगा आज माहे रमजान के अलविदा जुम्मा की नमाज मस्जिदों में अदब व एहतराम के साथ अदा की गई इस मौके पर मस्जिदों में नमाज़ अदा करने को लेकर नमाज़ियों की भीड़ देखी गयी बता दे कि अलविदा जुम्मा की अहमियत मुसलमानों के बीच काफी माने रखता है उसको अदा करने की सभी की तम्मना होती है हरिण डांगा जामे अतहरिया के इमाम मौलाना अंजर काशमी ने माहे रमजान और ईद की खुशी को लेकर अपने तकरीर में कहा कि ईद रोजेदारों के लिए इनाम का दिन है जिस तरह एक मजदूर तीस दिन काम करता है माह ओर होने पर उसको तनख्वा मिलती है उसके चेहरे पर खुशी होती है ठीक उसी तरह एक माह भूख प्यास की शिद्दत बर्दास्त कर इबादत करने वाले रोजेदारों के कि चेहरे पर ईद के दिन खुशी नजर आती है ईद की सच्ची खुशी रोजेदारों को हाशिल होती रोजा नमाज़ और इबादत का सवाब अल्लाह खुद देता है काशमी ने कहा कि रमजान के एक माह का रोजा हर बालिग मर्द और औरत ओर फर्ज है इसमें अल्लाह की रहमत ,नगफिरत और जहन्नुम से आज़ादी होती है अल्लाह रोजेदारों के गुनाहों को जला देता है यानी माफ कर देता है रोजे का बदला अल्लाह खुद है ये सब्र का महीना है सब्र का बदला जन्नत है उन्होंने कहा कि रमजान माह इबादत में गुजरे अपने अल्लाह को राजी करें अपने गुनाहों से माफी मांगे जकात ,सदक़ा ए फितर अदा कर गरीबों को भी ईद की खुशी में शामिल करें काशमी ने खाश कर जवानों से अपील की मोबाइल पर गलत बयान बाजी से बचे मौके पर मुल्क ने अमन चैन आपसी भाई चारे और मोहब्बत आम करने की दुआ की गई।

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