डीडीसी ने होटल, रेस्टोरेंट, मॉल व कोचिंग सेंटर संचालकों के साथ बैठक कर वोटिंग बढ़ाने की दी जिम्मेदारी

जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में गुरुवार स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरुकता कार्यक्रम संचालन को लेकर होटल, रेस्टोरेंट, मॉल व कोचिंग सेंटर संचालकों के साथ बैठक की गई। वहीं डीडीसी सह वरीय पदाधिकारी स्वीप कोषांग मनीष कुमार की अध्यक्षता में आहूत बैठक में सभी व्यावसायिक संस्थानों से अपने स्तर पर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए शहरी मतदाताओं में मतदान के प्रति उदासीनता दूर करने को लेकर विशेष जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत 25 मई को मतदान दिवस है। जिसके लिए अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रेरित करें। होटल व रेस्टोरेंट संचालक मिठाई के डब्बों या खाने के पार्सल में मतदाता जागरुकता स्टीकर लगाकर घर-घर तक मतदान दिवस के संदेश को पहुंचाएं। साथ ही मॉल, कोचिंग, होटल व रेस्टोरेंट में सेल्फी प्वाइंट, पोस्टर, बैनर लगाकर मतदान के प्रति जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मतदाताओं को जागरूक करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएं या फिर अन्य कोई भी गतिविधि संचालित करें। जिसमें बड़ी सहभागिता हो। वहीं कोचिंग सेंटर संचालकों से वैसे सभी 18 प्लस युवा मतदाता जिनका नाम अब तक मतदाता सूची में दर्ज नहीं हो पाया है। उन्हें 15 अप्रैल तक फॉर्म 6 भरवाते हुए मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए प्रेरित करने का निर्देश भी दिया गया। सभी उपस्थित सदस्यों से भी मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापन किए जाने की अपील की गई। ताकि मतदान के दिन वे आश्वस्त होकर बूथ तक पहुंचकर मतदान कर सके। साथ ही डीडीसी ने कहा कि अक्सर यह देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में मतदान कम होते हैं। शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को मतदान के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शॉपिंग पर छूट की घोषणा कर दें। जिससे मतदान के दौरान उंगली पर लगाई गई स्याही दिखाकर लोग शॉपिंग में छूट प्राप्त कर सकेंगे। सभी व्यवसायिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने इसपर अपनी सहमति जताई तथा मतदाता जागरूकता अभियान में परस्पर सहयोग को लेकर आश्वस्त किया। इस अवसर पर सभी को मतदाता शपथ दिलाते हुए अपने साथ कम से कम 10 अन्य लोगों को बूथ तक लाने में प्रेरित करने की अपील भी की गई। बैठक में जेएनएसी के उप नगर आयुक्त, जिल खेल पदाधिकारी समेत 50 से ज्यादा संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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