रामराज्य की स्थापना के लिए हमें हनुमानजी जैसी भक्ति और वीरता की आवश्यकता ! श्री. शंभू गवारे, पूर्व – पूर्वोत्तर भारत राज्य समन्वयक, हिंदू जनजागृति समिति
कतरास : इस कार्यक्रम की शुरूआत शंखनाद से की गई। इसके बाद सामूहिक प्रार्थना, ‘गदापूजन’ अनुष्ठान, श्री हनुमान की आरती, श्री हनुमान चालीसा के पाठ के साथ ‘श्री हनुमते नमः’ का सामूहिक जप किया गया। ‘धर्मसंस्थापना के लिए हनुमानजी के गुणों को कैसे आत्मसात किया जाए’, इस पर भी मार्गदर्शन दिया गया। कार्यक्रम के अंत में ‘रामराज्य की स्थापना के लिए प्रार्थना करके सामूहिक प्रतिज्ञा’ ली गई ।इस गदापूजन के पीछे की भूमिका बताते हुए, कार्यक्रम में उपस्थित सनातन संस्था के संत पूज्य प्रदीप खेमका जी ने कहा कि युगोयुगों से हनुमानजी के शौर्य के प्रतीक रूप में उनकी ‘गदा’ पहचानी जाती है ! इसी दैवी गदा से उन्होने कई शक्तिशाली राक्षसों को मार डाला और भगवान श्री रामचंद्र के ‘रामराज्य’ में बढ़ा योगदान दिया। महाभारत के युद्ध में भी हनुमानजी ने अर्जुन के रथ पर बैठकर पांडवों को धर्मयुद्ध जीतने में दैवीय सहायता की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य की स्थापना के लिए भी समर्थ रामदासस्वामी ने 11 मारुति की स्थापना की और मावलो को (शिवाजी महाराज के सैनिको को) बल प्राप्त करवाकर दिया । अब 500 साल बाद पुन: एक बार अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला विराजमान हुऐ हैं। ऐसे समय में हमें पुनः रामराज्य स्थापित करने के लिए हनुमानजी जैसी भक्ति और वीरता की अत्यंत आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आज श्री हनुमान जयंती के मंगल दिन पर जगह-जगह गदापूजन का आयोजन किया गया है इस अवसर पर सनातन संस्था के संत पूज्यनीय श्रीमती सुनीता खेमका जी की वंन्दनीय उपस्थिति रही। इसके साथ कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री पंकज सिंह, समिति के श्री समरपाल सिंह, श्री सरजू केशरी, अशोक पासवान, शाम बाबा भक्त मंडल के श्री नरेश शर्मा, श्री मनोज केशरी, श्री संजय केशरी, श्रीमती संगीता केशरी सहित 45 से अधिक लोगों की उपस्थिति थी।