प्राइवेट हॉस्पिटलों से मोटे रकम की उगाही कर बिना मानक प्राप्त किए देते हैं सर्टिफिकेट द्वारिका हॉस्पिटल इसका उदाहरण: भाकपा
मेदिनीनगर: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव सह राष्ट्रीय परिषद सदस्य रुचिर कुमार तिवारी ने एम एम सीएच सदर अस्पताल का निरीक्षण किया एवं जिले में प्राइवेट अस्पतालों के मनमानी पर भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने अपने प्रेस बयान में कहा कि पलामू जिले में कुकुरमुत्ता की तरह बिना मानक पूरा किये तरह-तरह के प्राइवेट हॉस्पिटल खुले हुए हैं और इन सभी हॉस्पिटलों को सर्टिफिकेट मुहैया कराने में पलामू के सिविल सर्जन कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं बल्कि इन प्राइवेट हॉस्पिटल से मनमाने तौर पर मोटे रकम की उगाही करते हैं जिसका जीता जनता उदाहरण रांची रोड स्थित द्वारिका हॉस्पिटल है अभी कुछ महीने पहले ही डॉक्टर कादिर परवेज के लापरवाही के कारण द्वारिका हॉस्पिटल में एक जच्चा की मौत हो गई थी जिसको काफी हंगामा करने के बाद पलामू सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह का नींद टूट और उन्होंने द्वारिका हॉस्पिटल को सील किया जिसका मुकदमा भी डॉक्टर कादिर परवेज के ऊपर लापरवाही से मरीज का जान लेने का चल रहा है परंतु हाल ही में पलामू सिविल सर्जन ने द्वारिका हॉस्पिटल को खोलने की अनुमति दे दिया और ऐसे हॉस्पिटल और डॉक्टर न जाने फिर कोई इंसान की असमय जान ले लेगा इस प्रकार यह साफ प्रतीत होता है कि एम एम सीएच अस्पताल में दवा से लेकर पानी और अन्य सामग्री में भी सिविल सर्जन का लाखों के घोटाला का खेल चल रहा है और वह बिना टेंडर किए अपनी मर्जी से अपने चहेतों के साथ मिलकर इसका मुनाफा एवं कमीशन के पैसा का उगाही रहे हैं एवं दूसरी ओर डॉक्टर कादिर परवेज पर कोई कार्रवाई न कर द्वारिका हॉस्पिटल को खोलने की अनुमति दे देना भारी घूसखोरी की ओर इशारा कर रहा है जिसकी जांच होना बहुत ही आवश्यक है। तभी दूध का दूध और पानी का पानी नजर आएगा।