जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती: कौशल

मेदिनीनगर: पलामू जिले के छतरपुर अनुमंडल के मुनकेरी पंचायत के मनहु देवी मंदिर में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने कलश यात्रियों के बीच पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के संकल्प के साथ थाईलैंड प्रजाति के बारहमासी आम का पौधा दान किया । उन्होंने कलश यात्रियों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रो की दिलाई शपथ दिलाते हुए कहा जल यात्रा का उद्देश्य तभी सफल होगा जब लोग अपने धर्म के साथ-साथ पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों के तहत पौधा लगाकर उसे बच्चों की तरह बचाने का संकल्प लेंगे। पर्यावरणविद ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो जल के लिए तीसरी विश्व युद्ध को कोई टाल नहीं सकता।पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि जिस तेजी से जनसंख्या बढा है उसी अनुपात में वनों का क्षेत्रफल बढ़ना चाहिए था। लेकिन वैसा नहीं हुआ बल्कि उसी तेजी से वनों का क्षेत्रफल लगभग घट गया । जिसके दुष्परिणाम के कारण एक नई घटना जलवायु परिवर्तन हुआ। इससे पुरी दुनिया में तापमान तेजी से बड़ा और जिससे ग्लेशियर पिघलने लगा।परिणामस्वरूप समुद्र का जलस्तर बढ़ने से गर्मी के दिनों में ही चीन , ओमान, दुबई, इंग्लैंड , ब्राज़ील समेत अन्य देशों में गांव तो गांव शहर भी जलमग्न हो गए।वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने कहा यदि स्वयं और आने वाला पीढ़ी को तीसरा विश्व युद्ध जल संकट से बचाना है तो दुनिया के तमाम उम्र के लोगों को अपने धर्म के साथ पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मन्त्रों के तहत एक-एक पौधा लागाकर उसे बच्चों की तरह नहीं बचाए। तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब डायनासोर की तरह मानव की जीवनलीला भी समाप्त हो जाएगी।जल यात्रा में शामिल प्रमुख लोगों में आचार्य रामचंद्र पांडेय,सचिन कुमार पांडेय, बसंत विश्वकर्मा, प्रमोद कुमार यादव, सुभाष कुमार गुप्ता, रामप्रसाद व्यास, ग्राम पंचायत डाली बाजार के उप मुखिया अफजाल अंसारी, उपेंद्र शाह, अरुण प्रसाद गुप्ता, उपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह, बालदेव प्रसाद गुप्ता, नागेंद्र यादव, रविंद्र यादव, गणेश यादव, कर्म देव यादव, जनक यादव, भोला यादव, उमेश शर्मा, आमोद शर्मा, संतोष विश्वकर्मा, सरिता कुमारी, सुनीता देवी पंचायत समिति के साथ सैकड़ों श्रद्धालु शामिल थे।

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