बड़कागांव में 12 साल बाद बनस मेला का होगा आयोजन 

शिव भक्त पीठ पर लोहे के कील से छिदवा कर 60 फीट लट्ठे में झूलते है

 

संजय सागर

बड़कागांव: बड़कागांव के राम जानकी मंदिर में 12 साल बाद हैरत अंगेज बनस मेला का आयोजन किया जाएगा. यहां कई वर्षों से बनस मेला लगाने एवं लोहे की कील से पीठ पर छिदवाकर कर 60 फीट खुटे के लाठ़ में झूलने की परंपरा रही है. 2013 तक बनस मेला आयोजित होता रहा .आपसी मन मुटाव के कारण 2014 से बनस मेला बंद हो गया था. राम जानकी मंदिर के पुजारी चिंतामणि महतो , कार्तिक भुइया ,पिंटू गुप्ता, रविंद्र लाल, हरिनाथ राम, बंधन महतो, दर्शन प्रसाद कुशवाहा एवं प्रबुद्ध बुद्धिजीवी वर्ग के पहल पर आपस में मां बताओ को समाप्त किया गया . 7 जून को शाम से मेले का आयोजन होगा .8 जून को शिव भक्त लट्ठे में झूलेंगे. मेला आयोजित करने के लिए तैयारी पूरी हो गई है.

9 मई को बाजे गाजे के साथ धाजा लाया गया के साथ. 18 मई को धाजा खुटा गड़ा गया. बड़कागांव निवासी पाठ बजानिया धानेश्वर राम को बेंगलुरु से बुलाकर राम जानकी मंदिर के शिव मंदिर में 23 मई को कलश स्थापना किया गया.पाठ पुजारी जोधन महतो, द्वारा पुजार अर्चना किया गया. कलश स्थापना के दौरान पाठ बजानिया धनेश्वर राम, पाठ भगत भगत पूसन भुईया, फुलभगत विकास राम, हनुमान चटिया विवेक राम ,सिकंदर भुइया

भगत के संगठन मंत्री कार्तिक भुइयां ने इसके लिए अहम भूमिका निभाई. मेले को सफल बनाने के लिए मंदिर के पुजारी चिंतामणि महतो, दर्शन प्रसाद कुशवाहा, रघुनंदन मिस्त्री ,पिंटू गुप्ता, रविंद्र लाल,कीर्तन महतो सुखदेव राणा बंधन महतो , मदन महतो, चेतलाल महतो, अनिल डांगी, राजदेव महतो, भुना महतो, प्रकाश महतो हरिनाथ राम, सहेश्वर महतो, प्रकाश महतो जय हिंद महतो, पवन कुमार, इंग्लेश सोनी, संजय महतो, सरजू भुइयां, चंदन गुप्ता, चंदन कुमार जायसवाल, बंधु महतो, डोमान महतो, सहदेव साव समेत अन्य ग्रामीण मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.

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