धनबाद लोकसभा में ग्रामीण वोटरों ने किया ज्यादा मतदान, शहरवाले निकले कम

ग्रामीण वोटरों के निकलने से भाजपा के ढुल्लू महतो का पलड़ा भारी

नहीं कर सकी कांग्रेस बुथ मैनेजमेंट, परिणाम पर पड़ सकता है असर

सुनील बर्मन

धनबाद: 25 मई को धनबाद लोकसभा चुनाव की मतदान सम्पन्न हो गई। इसके साथ ही प्रत्याशियों की भाग्य इवीएम में कैद हो गई है। 4 जून को गिनती होनी है और देर दोपहर परिणाम की घोषणा के साथ यह जानकारी होगी कि जनता का आशीर्वाद किसे मिला है और सांसद में पॉच सालों तक कौन बठने का हकदार होगा। वोटिंग पैटन को देखा जाए तो इस बार ग्रामीण वोटरों ज्यादा तायदाद में वोट करने को निकले। वहीं शहरी मतदाता उदासीन रहे। इस चुनाव में भाजपा के ढुल्लू महतो धरती पूत्र है। स्थानीय ग्रामीण वोटरों और क्षेेत्रों में अच्छी पकड़ है। वहीं भाजपा की कोर वोटरों का मत इनकी जीत की मार्जिन में इजाफा करेगी। वहीं इंडी गठबंधन की अनुपमा सिंह के लिए यह लोकसभा क्षेत्र नया है। हालाकि कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा लेकिन बुथ मैनेजमेंट में वो कमतर रही। कांग्रेस की संगठन की पकड़ भी इस लोकसभा में क्षीण है। इंडी गठबंधन की जेएमएम और आरजेडी की परांपरागत वोटर आदिवासी, मुस्लीम और यादव अगर कांगेस प्रत्याशी को आर्शिवाद दे तो अनुपमा चुनौती बन सकती है। धनबाद लोकसभा चुनाव 2024 इस बार अहलादा फ्लेवर लिए हुए है। पिछले कई चुनाव के मुकाबले इस बार लगभग टक्कर की चुनाव है। भाजपा की कन्फर्म सीट माने जाने वाली धनबाद लोकसभा में इस बार कांग्रेस ने वॉक ओवर कैन्डीडेट नहीं दिया। इस बार बेरमो विधायक के पत्नी को टिकट देकर कांग्रेस आलाकामन ने यह संदेश दिया कि धनबाद लोकसभा सीट के लिए पार्टी इस बार मुकाबले की मुड में है। वहीं भाजपा ने बाघमारा से लगातार तीन बार विधायक और धरतीपूत्र ढुल्लू महतो के कंधे पर धनबाद लोकसभा सीट को पुनः भाजपा की झोली में डालने की जिम्मेवारी सौंपी है। ज्ञात हो कि पीएन सिंह को तीन बार धनबाद विधायक रहने के बाद उन्हें सांसद की टिकट सौंपा गया था। एक तरह से भाजपा ने इतिहास को दोबारा दोहराने का काम किया है। माना जा रहा है कि तीन बार लगातार सांसद रहे पीएन सिंह का टिकट उम्र फॉक्टर के कारण काट दिया गया। इसके कारण पार्टी का एक तपका वर्तमान प्रत्याशी ढुल्लू महतो के विरोध में खड़ा हो गया। वहीं इसके प्रतिउत्तर में ग्रामीण और स्थानीय लोग ढुल्लू के पक्ष में खड़े दिखें। कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह डम्मी कैन्डीडेट है। वस्तुत यह चुनाव उनके पति और बेरमो विधायक अनुप सिंह लड़ रहे है । कांग्रेस पार्टी ने अनुपमा सिंह को टिकट देकर पीएन सिंह को टिकट नहीं दिए जाने से उस नााराज धड़ा को साधने का काम किया और कमोबेस इसमें सफल होती हुई भी दिख रही है। अब देखना यह है कि दोनों प्रत्याशियों में किसे जनता का अर्शिवाद मिलता है और कौन संसद में धनबाद लोकसभा की आवाज बनता है।

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