मेदिनीनगर: शहर के चौक चौराहों पर ठेले पर समौसा नाश्ते की दुकानों पर सुबह होते ही लोगों की भीड़ नजर आती है। इनमें विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या अधिक होती है। लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इन नास्तों की दुकानों पर समोसा, कचौड़ी, पकौड़ी बनाने में हलवाई घटिया किस्म के पाम ऑयल का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि पाम ऑयल की कीमत बाजारों में अन्य खाद्य तेलों की अपेक्षा 10 से 15 रुपए कम होती है। ऐसे में इनके इस्तेमाल से आपके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। आश्चर्य जनक बात यह है कि शहर में यह व्यापार खुले तौर पर किया जा रहा है।इसके बावजूद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है।बता दें कि शहर में प्रतिदिन 500 टीन घटिया पाम ऑयल खपत हो रही है। इस तेल से आम लोगों के लिए ठेला दुकानदारों द्वारा नाश्ता बनाया जा रहा है। खासबात यह कि क्षेत्र में मिलावटी पनीर भी बनाने का कारोबार दिन पर दिन फलफूल रहा है। लेकिन खाद्य भूभाग द्वारा कार्रवाई को लेकर अनदेखी की जा रही है। यदि कार्रवाई की भी जाती है तो केवल खानापूर्ति के लिए की जाती है। जिसकी वजह से ठेला दुकानदारों को कार्रवाई को लेकर किसी प्रकार का डर नहीं हैं।वही ज्यादातर दुकानों पर लागत बचाने के लिए एक ही तेल को बार-बार उपयोग में लाया जाता है. इसमें बार-बार चाट, पकौड़े, समोसे आदि तले जाते रहते हैं. एक ही तेल का इतनी बार गर्म करना, ठंडा करना और री-यूज करना उसकी क्वालिटी को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
आइए जानते हैं ये हमारे हेल्थ के लिए कितना नुकसानदायक है
डॉक्टर बताते है की समोसा,कचौड़ी,चाट बनाने के लिए जिन तेलों का उपयोग किया जाता है, उनमें ट्रांस फैट नामक हानिकारक चर्बी की मात्रा अत्यधिक होती है. ट्रांस फैट वह चर्बी होती है जो हमारे शरीर को अंदर से खराब कर देती है. यह खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देती है जिससे हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है. दिल का दौरा पड़ने या फिर दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।रिसर्च के अनुसार, तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें एक हानिकारक रसायन बनता है जिसे एडलेहाइड कहते हैं. यह एक प्रकार का विषैला पदार्थ होता है जो हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे तेल का नियमित सेवन करने से कई प्रकार के कैंसर, खासकर फेफड़ों और आंतों का कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.इसलिए बार-बार गर्म किए गए तेल का इस्तेमाल ना करें. हमेशा ताजा और शुद्ध तेल ही इस्तेमाल में लाएं अपने भोजन के लिए।