मेदिनीनगर : जनता मजदूर संघ कठौतिया कोल माइंस हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड यूनिट एवं कोयला मजदूरों की ओर से मजदूर नेता राकेश सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल माननीय केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे से भेंट कर तीसरी बार मोदी सरकार के केबिनेट में शामिल किये जाने एवं कोयला राज्य मंत्रालय भारत सरकार की बागडोर सौंपे जाने पर नई दिल्ली आवास पर भेंट कर बधाई दिया तत्पश्चात पलामू जिला अंतर्गत कठौतिया कोल माइंस हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड जो आज विगत नवंबर 2023 से बंद पड़ा है, जिससे प्रभावित क्षेत्र के मजदूर किसान नौजवान एवं कार्यरत स्थाई श्रमिक एवं राजहरा साइडिंग में कार्यरत ठेका श्रमिक बेरोजगारी पलायन एवं भुखमरी का शिकार बने हुए हैं।
कोल माइंस क्षेत्र के प्रभावित किसान रैयत श्रमिक अपना पुश्तैनी जमीन कंपनी को सौंप चुके हैं जिस कारण उनके भविष्य अंधकारमय बना हुआ है एवं आज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं एवं बेरोजगारी का दंश झेल रहे। कम्पनी के जमीन अधिग्रहण, माइंस डेवलपमेंट, कार्यरत श्रमिक हित में गलत नीति एवं निजी स्वार्थ सिद्धि के कारण माइंस का विकास एवं प्रोडक्शन ठप परा हुआ है। पलामू जिला का एक मात्र उद्योग बंद पड़ा हुआ है। जिससे आर्थिक विकास एवं राजस्व की क्षती हो रहा है।
जबकि यह माइंस चलाने के लिए प्रभावित क्षेत्र एवं आम अवाम का पूर्ण सहयोग कंपनी को मिला है परंतु कंपनी के कुछ स्वार्थी तत्व परियोजना को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दूसरी ओर लातेहार जिला अंतर्गत तूवेद कोल माइंस डीवीसी द्वारा स्थानीय प्रभावित दबे कुचले आदिवासी किसान मजदूर नौजवानों को नक्सली एवं अपराधिक घोषित कर झूठ मुकदमा में फंसा कर जोर जबरदस्ती से जमीन अधिग्रहण की गई है तथा प्रभावित स्थानीय किसान मजदूर नौजवानों को रोजगार से भी विमुख किया गया है साथ ही कुछ स्थानीय बेरोजगार मजदूर को ठेका कंपनियों के अंतर्गत 12 घंटे काम करवाया जाता है तथा मजदूरी 5000 से ₹7000 भुगतान किया जाता है वह भी तीन-तीन महीने पर जिससे श्रम कानून किया जा रहा है और स्थानीय मजदूर किसान नौजवान आदिवासी भाई-बहन शोषण का शिकार बने हुए हैं एवं त्राहिमाम है।
इस पर माननीय कोयला राज्य मंत्री श्री सच सतीश चंद्र दुबे जी ने आस्वस्थ करते हुए कहा कि हमारी सरकार कोयला क्षेत्र के श्रमिकों एवं प्रभावीत नागरिकों के संपूर्ण विकास हेतु कृत संकल्पित है इस पूरे मामले पर भारत सरकार कोयला मंत्रालय निश्चित रूप से संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई कर समस्या का समाधान करेगी एवं आदिवासी पिरिट किसान मजदूर को शोषण का शिकार नहीं बनने दिया जाएगा। पहले से स्थापित कोई भी कोयला उद्योग बंद नहीं होने दिया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में राजू सिंह, बबलू कुमार, अनिमेष तिवारी, दीपक पांडे साहित्य अन्य शामिल थे।