जिंदा रहना है तो पर्यावरण धर्म को भी अपना ना होगा, और पौधा लगाकर बच्चों की तरह बचाना होगा :कौशल

मेदिनीनगर: रांची यूनिवर्सिटी के श्यामा प्रसाद मुखर्जी आडिटोरियम में रविवार की शाम हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान टी मैन ऑफ झारखंड के नाम विश्व भर में ख्यातिप्राप्त व विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म गुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने कई राज्यों से आये कवियों में कविता तिवारी , शंभू शिखर, अनिल चौबे, भावना तिवारी, अभय निर्भीक, एवं अकबर ताज को थाईलैंड प्रजाति के बारहमासी आम का फला हुआ पौधा देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम के दौरान पटना के उद्घोषक मनोज तिवारी ने कौशल किशोर जायसवाल के जीवनी से जुड़ी बातों का उल्लेख कर वहां उपस्थित लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। मौके पर पर्यावरण धर्म गुरु कौशल ने कहा कि कवि, कला संस्कृति , पेड़, पौधा,वन लोगों को जिंदा रहने का आधार है । इसे जिंदा रखने के लिए लोगों को अपने धर्म के साथ पर्यावरण धर्म को अपनाना होगा। तभी जल संकट व जलवायु परिवर्तन से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी व प्रदूषण की आग पानी से नहीं शुद्ध हवा से ही बुझेगी। इसके लिए पौधरोपण कर उसे अपने बच्चों की तरह बचाना होगा। श्री कौशल ने कहा कि हमारी संस्कृति में पौधा को देव तुल्य माना जाता है। कवयित्री कविता तिवारी ने मां सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया जबकि संचालन कवि शंभू शिखर ने की। कवि अनिल चौबे, भावना तिवारी, अभय निर्भीक एवं अकबर ताज ने हास्यरस की कई कविताओं से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।मौके पर अध्यक्ष राम जी यादव, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर तपन कुमार, ईश्वर चंद्र, शशांक भारद्वाज,नरेश बांका समेत शहर के अग्रणी पंक्ति के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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