मृत व्यक्ति के नाम पर राशि के निकासी की बात है सही, मेरे ऊपर लगाया गया रिश्वत लेने का आरोप निराधार- बीपीओ
गिरिडीह/संवाददाता शम्सी
गिरिडीह:- सदर प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मंगरोडीह पिछले कुछ वर्षों से लगातार चर्चा में रहा है। लगभग 1 साल पहले इसी पंचायत में कार्यरत तत्कालीन रोजगार सेवक विजय वैद्य को वरीय पदाधिकारियों के विरुद्ध खुलकर बोलने के कारण निष्कासन तक झेलना पड़ा था, हालांकि कुछ महीनों के निष्कासन के उपरांत उनकी पुनः वापसी हो चुकी है। इससे पुर्व सदर प्रखंड में लगभग 8 करोड़ रुपए के मेटेरियल भुगतान का मामला पूरे जिले में चर्चित रहा, तत्कालीन बीडीओ का स्थानांतरण हुआ और तत्कालीन बीपीओ भीख देव पासवान का भी तबादला गावां प्रखंड में करके मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया।
अब मंगरोडीह पंचायत एक बार पुनः सुर्खियों में है। इस बार मामला एक मृत व्यक्ति के नाम पर मनरेगा योजना में राशि के निकासी का है। कुछ अखबारों में यह खबर छपी भी। स्थानीय मुखिया आशा देवी ने ऐसे किसी भी खबर का खंडन करते हुए कहा कि मृत व्यक्ति के नाम पर राशि के निकासी की बात बिल्कुल ग़लत है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे अबला और कमजोर समझ कर बार-बार परेशान किया जा रहा है। उक्त ख़बर को लेकर योजना के लाभुकों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाओं में इसका खंडन किया और कहा कि यह सच नहीं है और यदि इस तरह की कोई बात है तो संभवतः यह कम्प्यूटर आपरेटर या प्रखंड की गलती के कारण हुआ है। मुखिया जी के विरुद्ध बदले की भावना के तहत कार्रवाई की जा रही है जो कि सरासर ग़लत और अन्याय है।
वहीं वर्तमान रोजगार सेवक बसंत मंडल ने अपने स्थानांतरण के बदले बीपीओ निकेश कुमार पर 40 हजार रुपए रिश्वत मांगने और मजदूरी भुगतान में 1 प्रतिशत की हिस्सेदारी का डिमांड करने की बात कह कर पूरे मामले को एक अलग रुप दे दिया है।
बीपीओ निकेश कुमार ने मृत व्यक्ति के नाम पर राशि के निकासी की बात को सच बताया है साथ ही उन्होंने कहा है कि मंगरोडीह मुखिया एक ही गलती को बार-बार दोहरा रहीं हैं। उन्होंने जीआरएस बसंत मंडल के द्वारा अपने ऊपर लगाए गए रिश्वत के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ये सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार हैं। जब मैंने बसंत जी से रिश्वत मांगा था तो उन्हें वरीय पदाधिकारियों से इसकी शिकायत करनी चाहिए थी जो उन्होंने नहीं किया। कहा कि प्रखंड स्तर पर कार्यरत किसी भी मनरेगा कर्मी के स्थानांतरण के लिए बीडीओ अधिकृत होते हैं बीपीओ नहीं। कहा कि मैं सभी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं। अगर मेरे विरुद्ध दोष सिद्ध हुए तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दुंगा और यदि मेरे विरुद्ध षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ तो मुखिया की वित्तीय शक्तियां ज़ब्त हो साथ ही बसंत मंडल की संविदा भी समाप्त किया जाए।