डीसी के निर्देश पर डीडीसी की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक

15 दिनों में सेविका व सहायिका के रिक्त पदों पर करें नियुक्ति – डीडीसी

 

जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में सोमवार को डीसी अनन्य मित्तल के निर्देश पर स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। वहीं डीडीसी मनीष कुमार की अध्यक्षता में आहूत बैठक में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी योजनाओं समेत गर्भवती महिलाओं, कुपोषण उपचार केन्द्र, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, कन्यादान योजना समेत सभी विभागीय योजनाओं में प्रगति कि विस्तृत समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण की योजनाएं आम नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य, पोषण तथा उनके जीवन स्तर में बेहतरी को ध्यान में रखकर संचालित की जा रही है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे, स्वास्थ्य उप केन्द्र सुविधायुक्त हों और जिससे लोगों को छोटी-छोटी परेशानियों के लिए शहर का दौड़ नहीं लगाना पड़े। साथ ही उनपर आर्थिक बोझ भी न पड़े। उन्होंने शिशुओं के वजन मापी के लिए सभी अस्पतालों में इन्फैंटोमीटर खरीदारी करने के निर्देश भी दिए। इसी तरह गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत पंजीकरण, एचआईवी जांच, ससमय आयरन की गोली देने, टीबी, वीएचएसएनडी कार्यक्रम, डेंगू रोकथाम, सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग आदि की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश भी दिए गए। वही संस्थागत डिलीवरी बढ़ाने पर बल देते हुए वैसे क्षेत्रों को चिन्हित करने का निर्देश दिया, जहां संस्थागत डिलीवरी का प्रतिशत कम है। बैठक में गर्भवती महिलाओं का एएनसी शत प्रतिशत करने का निर्देश भी दिया गया। साथ ही सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने के लिए विचार विमर्श भी किया गया। वहीं समाज कल्याण विभागीय योजनाओं की समीक्षा में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं पीएम मातृवंदना योजना में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर अप्रसन्नता भी जताई। रिक्त पड़े 34 आंगनबाड़ी सेविका एवं 36 सहायिका के पदों को अगले 15 दिनों में ग्राम सभा कर कम से कम 40 पदों पर नियुक्ति के निर्देश भी दिए। वहीं 0-6 वर्ष और गर्भवती माताओं की मॉनिटरिंग को लेकर पोषण ट्रैकर एप की समीक्षा में शत-प्रतिशत इंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। कुपोषण उपचार केन्द्रों में भर्ती शिशुओं के उपचार की समीक्षा के क्रम में कहा कि शत प्रतिशत कुपोषित बच्चों का समुचित उपचार सुनिश्चित करें। कुपोषण उपचार केन्द्रों में एक भी बेड रिक्त न रहे। यह सुनिश्चित करने का निर्देश सभी एमओआईसी, सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर एवं बीपीएम को दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, डीआरसीएचओ डॉ रंजीत पांडा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, सभी सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर, बीपीएम-स्वास्थ्य समेत अन्य भी मौजूद थे।

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