इंदिरा नगर और कल्याण नगर के 150 मकान तोड़े जाने का मामला

 

राजनीतिक रोटी सेंकने से बाज आएं नेता – सरयू राय

– कहा मकान टूटने से बचाने की चिंता है तो सभी दलों को एक मंच पर आना चाहिए

जमशेदपुर: विधायक सरयू राय ने इंदिरा नगर और कल्याण नगर के 150 घरों को टूटने से बचाने के लिए विभिन्न दलों से राजनीतिक रोटी न सेंकने की अपील की है। साथ ही उन्होंने इंदिरा और कल्याण नगर को राजनीतिक पर्यटन स्थल न बनाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर सभी दलों को इन 150 घरों को टूटने से बचाने की चिंता है तो उन्हें एक मंच पर आना चाहिए। उन्हें एक नागरिक समिति बनाने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सभी का मकसद एक है और जब सभी इन 150 घरों को टूटने से बचाना चाहते हैं तो अपनी डफली, अपना राग नहीं चलेगा। सभी को एक मंच पर आना होगा। वे गुरुवार को इस चुनौतीपूर्ण कार्य के संबंध में पहल करेंगे। वहीं बुधवार फेसबुक लाइव में उन्होंने कहा कि जो दल सत्ता में हैं, वो मुख्यमंत्री से कहवा कर एनजीटी को दिये जाने वाले हलफनामे (एफीडेविट) में यह लिखवा दें कि कोई घर नहीं टूटेगा। अगर ऐसा हो जाता है तो इससे बेहतर क्या होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर लोगों को एक मंच पर आना चाहिए। जनहित के मामलों में कोई राजनीतिक हित नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 150 घरों को टूटने से बचाने के लिए सभी पार्टी के लोग दोनों जगह जाकर लोगों से कह रहे हैं कि वे एक भी घर को टूटने नहीं देंगे। कई नेता उपायुक्त से मिल रहे हैं तो कुछ लोग मंत्री से मिल रहे हैं। इन्हें दरअसल यह समझना होगा कि मामला क्या है। उन्होंने बताया कि यह मामला न तो मंत्री स्तर का है और न ही उपायुक्त के स्तर का। यह मामला एनजीटी का है और जो सुप्रीम कोर्ट के समतुल्य है। जो भी होना है, वह एनजीटी के माध्यम से ही होना है। एनजीटी ने झारखंड के मुख्य सचिव को एक एफिडेविट फाइल करने को कहा है। जिसमें इस बात का उल्लेख होना चाहिए कि पूरा मामला क्या है और राज्य सरकार इसमें क्या चाहती है? राज्य के मुख्य सचिव ने विगत 15 जुलाई को इस संबंध में एक बैठक की और जिसमें किसी किस्म की रियायत की उम्मीद नहीं दिखी।उन्होंने एक सकारात्मक प्रयास करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय उपाध्याय से इस संबंध में बात की। जिसपर अधिवक्ता ने उनसे कहा है कि वह इस मामले को देखेंगे और कोई फीस भी नहीं लेंगे। सरयू राय ने कहा कि अब बयानबाजी का दौर खत्म हुआ।श और जो होना है, वह कानून के तहत होना है। कोर्ट में लोगों की बात रखने के लिए संजय उपाध्याय तैयार हैं। इसी तरह उन्होंने कहा कि जब तक हमें विषय की संपूर्णता का पता न हो तो उसके समाधान की संभावना बेहद कम होती है। इसलिए पहले विषय की संपूर्णता के बारे में लोगों को जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। 12 जुलाई से अब तक सभी दलों के नेताओं ने इंदिरा और कल्याण नगर जाकर वहां के लोगों को गुमराह किया है कि वे एक भी मकान को टूटने नहीं देंगे। यह सब राजनीतिक गप्पेबाजी है। इसका समाधान एनजीटी में ही संभव है। एनजीटी में हर दल के बड़े नेता वकीलों को भेजकर जिरह करने को बोलें। तभी कुछ संभव है। बयानबाजी से इस समस्या का हल निकलने से रहा। उन्होंने कहा कि अगर जमशेदपुर के सांसद वाकई एक भी घर नहीं टूटने देना चाहते तो वह इस मामले को लोकसभा में संजीदगी के साथ उठाएं। वह स्वयं 26 से 30 जुलाई तक चलने वाले विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को पूरी संजीदगी से उठाएंगे। 23 अगस्त को इस मामले की सुनवाई एनजीटी में होनी है। सरयू राय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों के पहले एक भी घर तोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी आशंका जताई कि विधानसभा चुनावों के बाद ऐसे एक भी नेता उस क्षेत्र में नहीं दिखेंगे जो आज वहां दिख रहे हैं। नारा लगाने, तख्ती लहराने और राजनीतिक बयान देने से तो लोगों का कल्याण होने से रहा।

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