अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को 12 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा देने की मांग
जमशेदपुर : नई शिक्षा नीति के तहत जमशेदपुर अभिभावक संघ ने अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार की सुबह जिले के उपायुक्त कार्यालय में अभिभावकों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान अध्यक्ष ने उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में वर्ष 2011 में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के लागू होने के बाद शहर के निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीटों पर अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन शुरू हुआ था। साथ ही यह प्रक्रिया अब भी जारी है। इन नामांकन प्राप्त बच्चों को अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप क्लास 8 तक नि: शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार हैं। उस समय नामांकन प्राप्त बच्चे जो अब कक्षा 8 वीं पास कर 9 वीं कक्षा में आ गए है, उन बच्चों से साकची स्थित मोती लाल नेहरू पब्लिक स्कूल के साथ-साथ शहर के अन्य निजी स्कूलों द्वारा सामान्य वर्ग के बच्चों की तरह ही फीस की मांग कर रहे हैं। जिससे परिस्थिती ऐसी बन गई है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के ये बच्चें पैसे के आभाव में फीस देने में अपने को असमर्थ पा रहे है और ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा इन बच्चों से बार-बार पूरे क्लास के बच्चों के सामने फीस की मांग की जा रही है। जिसके कारण बच्चों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। वहीं इनमें से कुछ बच्चे तो अब स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में पूरे देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर दिया गया है। इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कंडिका 8-8 में प्रावधान दिए गए हैं कि अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 12 वीं तक निःशुल्क शिक्षा पाने का अधिकार है। अंत में उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान के तहत मोती नेहरू पब्लिक स्कूल के साथ-साथ शहर के सभी निजी स्कूलों में अध्ययनरत अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को क्लास 12 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा देने का आदेश देने की मांग की है।