जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में डीसी अनन्य मित्तल के निर्देश पर कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, डीडीसी मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, डालसा सचिव राजेन्द्र प्रसाद, बाल कल्याण संघ के सचिव संजय मिश्रा, रीजनल हेड मिरेकल फाउंडेशन कुसुम महापात्रा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नेहा संजना खलखो, जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार, डीपीएम जेएसएलपीएस सुजित बारी समेत अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे। उक्त कार्यशाला में बोड़ाम, पटमदा, घाटशिला प्रखंड के कठिन परिस्थितियों में रहने वाले वैसे एक हजार परिवार के बच्चे या अभिभावक जिन्हें पूर्व में चिन्हित करते हुए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से आच्छादित किया गया है, उनकी वर्तमान स्थिति पर चर्चा किया गया। जिसके तहत अगले चरण में ऐसे परिवारों को पुन: सर्वेक्षण कर उनका पारिवारिक और सामाजिक उत्थान, उनके आर्थिक उन्नयन, जीवन स्तर में बदलाव, स्वास्थ्य एवं मानसिक सपोर्ट आदि मानकों पर काम करने पर बल दिया गया। साथ ही अभियान चलाकर ऐसे और परिवारों को चिन्हित कर सरकार की योजनाओं से जोड़ते हुए मुख्यधारा में शामिल करने की बात कही गई। कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन, बाल कल्याण संघ एवं मिरेकल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से निश्चित रूप से जिले में कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को सुरक्षा और संवर्धन करने के लिए हम सभी को उत्साह मिलता है। जनप्रतिनिधि होने के नाते हमें भी इस संबंध में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। बच्चों के अभिभावक भी बच्चों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए उनके साथ मित्रवत व्यवहार रखें। इस दौरान डीडीसी ने कहा कि उन हजार परिवार जो कि पटमदा, बोडाम, एवं घाटशिला में हैं, उनका पुनर्आकलन कर वर्तमान स्थिति की जानकारी लेकर उनके समग्र आर्थिक-सामाजिक उत्थान के लिए संवेदनशीलता से कार्य करना है। हर एक बच्चों को उनके अधिकार के प्रति संवेदनशील बनाना हम सभी का दायित्व भी है। मौके पर बाल कल्याण संघ के सचिव ने स्वागत भाषण एवं विषय प्रवेश कराया। कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चे और अभिभावकों को चिन्हित कर उन्हें सरकार की किस-किस योजना से जोड़ने की आवश्यकता है तथा किए गए कार्यों की जानकारी दी।