गढ़वा : रामकंडा के सबाने गांव में मुंडा आदिवासी परिवार के सात एकड़ जमीन पर मुखिया पति तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थक राज किशोर यादव के द्वारा कब्जा करने के मामले को लेकर पिछले चार दिनों से लगातार राजनीतिक घमासान मची हुई है ।
इस मामले में एक तरफ पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी तथा दूसरी तरफ पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा अपनी अपनी पार्टी को आदिवासियों की असली हितैषी बताने की कोशिश में एक दूसरे पर हमला कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर जिन आदिवासी मुंडा परिवारों के द्वारा जमीन पर मुखिया पति राज किशोर यादव पर कब्जा जमाने का आरोप लगाया जा रहा है वे लोग अपनी बात जिला प्रशासन से लेकर रामकंडा प्रखंड तथा रंका अनुमंडल प्रशासन तक पहुंचा चुके हैं। गांव में बैठक कर राज किशोर यादव पर जिस जमीन पर श्री यादव द्वारा कब्जा किया गया है उसी जमीन का कागज दिखलाने के बजाय उसी खाता प्लौट के दूसरे जमीन का कागज दिखाकर गुमराह करने का आरोप आदिवासी मुंडा परिवार के लोगों ने लगाया हैं।
इससे साफ साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ न कुछ काला जरूर है। अन्यथा आमतौर पर सच्चाई के लिए जाने जाने वाले आदिवासी मुंडा परिवार के लोग इस कदर झूठा आरोप लगाकर जिला प्रशासन से लेकर प्रखंड प्रशासन तक दौड़ नहीं लगते? थोड़ी देर के लिए यह मन भी लिया जाए की मुंडा परिवार के द्वारा जमीन पर मुखिया पति राज किशोर यादव के पर कब्जा करने का आरोप झूठा है तो भी प्रशासन का यह दायित्व है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जमीन पर मापी कराकर मुंडा परिवार को संतुष्ट कर दे। प्रखंड और अनुमंडल प्रशासन यदि समय रहते पहले ही पहल की होती तो वर्तमान में यह नौबत ही नहीं आता।जहां तक मुंडा परिवार द्वारा आरोप लगाने का प्रश्न है उनका कहना है कि खाता संख्या 39 प्लॉट संख्या 205 में कुल रकबा 43.75 एकड़ जमीन है ,उस जमीन में से मुंडा परिवार के लोगों को सिर्फ 7 एकड़ जमीन से ही मतलब है, जिस जमीन पर राज किशोर यादव के द्वारा कब्जा जमाया गया है। उनका कहना है कि उस जमीन का उनके पास खतियान लगान और रसीद सहित तमाम तरह के कागजात मौजूद है ।
परंतु मुखिया पति उस जमीन की जिसपर वे कब्जा किए हुए हैं,अपनी खरीदी हुई इसी खाता प्लॉट के दूसरे जमीन की चर्चा कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।मुंडा परिवार का कहना है कि मुखिया पति राज किशोर यादव एक दबंग प्रवृत्ति की व्यक्ति है। उन्होंने उनके जमीन पर कब्जा करने की नीयत से पहले एक सरकारी आहार में ही सरकारी राशि का राजनीतिक रसूख से दुरुपयोग करते हुए बड़ा तालाब खुदवा दिया ।जब मुंडा परिवार के लोगों ने उक्त तालाब को खोदते समय विरोध प्रकट किया तो राज किशोर यादव ने उनसे समझाया कि आप लोग गरीब हैं। इसमें मछली पालकर अपना जीवन यापन कीजिएगा। पर जब तालाब बनकर तैयार हो गया तभी से तालाब में वे खुद मछली पाल रहे हैं। ऐसे में इस मामले में प्रशासन को चाहिए की सीधा हस्तक्षेप कर राजनीति करने का मौका दिए बगैर इस प्रकरण का जितना जल्दी हो सके हल कर दिया जाए। यदि प्रशासन इस मामले में पहल करने में ईमानदारी नहीं दिखला रही है तो कहीं न कहीं शक की सुई प्रशासन की नियत की और भी घूमेगी, कम से कम अब तक तो प्रशासन की भूमिका कुछ ऐसी ही नजर आ रही है ।
क्योंकि पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर से प्रखंड अनुमंडल स्तर के जमीन से जुड़े अधिकारियों से इसकी शिकायत की, जब उनकी नहीं सुनी गई तो वे लोग पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के पास पहुंचे तथा उनके माध्यम से दर्जनों की संख्या में उपस्थित होकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी से शिकायत की तथा तमाम कागजात दिखलाएं । शिकायत चार दिन पहले किया गया है। यह मामला पूरी तरह से मीडिया में छाया हुआ है। बावजूद अब तक इस पर पहल न कर प्रशासन के द्वारा राजनीति करने का मौका दिया जाना कहीं ना कहीं प्रशासन की कमजोरी को दर्शाता है।