एनसीएलटी का आदेश 4 जून 2021 को किया था रद्द, कंपनी में ऋणदाताओं की कमेटी कभी बनी ही नहीं
जमशेदपुर : झारखण्ड विधान सभा में मंगलवार को विधायक सरयू राय द्वारा पूछे गए अल्पसूचित प्रश्न का सही उत्तर सरकार ने नहीं दिया है। जिसके तहत कंडिका 1 में सरकार ने कहा कि ‘‘स्थानीय गोलमुरी थाने में इकाई द्वारा चोरी की कोई घटना/प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है’’ और जो सरासर गलत है। विधायक ने दो वर्ष पहले इस बारे में एक प्राथमिकी दर्ज कराया है। जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। केबुल कंपनी इलाके का बच्चा-बच्चा जानता है कि वहां अब कोई मशीनरी नहीं है और सभी मशीनों की चोरी कर ली गई हैं। वहीं कंडिका-4 में दिया गया तथ्य पूरी तरह गलत है। वास्तव में एनसीएलटी का 7 जुलाई 2020 का परिसमापन का आदेश एनसीएलएटी ने अपने 4 जून 2021 के आदेश द्वारा गलत करार देकर रद्द कर दिया है। इस आदेश को फरवरी 2022 में सुप्रीम कोर्ट भी सही करार दे चुकी है। एनसीएलएटी ने अपने 4 जून 2021 के आदेश में कहा है कि इंकैब के ऋणों की रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने जांच नहीं की और इसलिए इस कंपनी में ऋणदाताओं की कमेटी कभी बनी ही नहीं। उन्होंने बताया कि इंकैब कंपनी 1993 से 96 तक बंद थी। यानी सारा बैंक अकाउंट 1992 में एनपीए हो गया और 1996 आते आते सारे ऋण लिमिटेशन कानून के कारण समाप्त हो गए तो ऋणदाताओं की कमिटि बनी कैसे? एनसीएलटी इन फर्जी ऋणदाताओं को कैसे सुन रही है? वास्तव में सरकार को ये तथ्य सदन में रखना चाहिए। जबकि वे विधानसभा में गलत उत्तर दे रही है। साथ ही प्रश्नोत्तर की कंडिका-4 में सरकार ने गलत तथ्य उद्धृत किया है। विधायक सरयू राय ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2021 से राज्य सरकार को इस बारे में एक स्वभारित अभ्यावेदन दिया है। उस समय सरकार ने आश्वासन दिया था कि कंपनी की जमीन पर पुनः उद्योग खड़ा किया जाएगा। ताकि रोजगार का सृजन हो सके।