जिला प्रशासन एवं थैलेसीमिया सोसायटी ने किया ‘मेगा थैलेसीमिया जागरूकता’ कार्यक्रम आयोजित”

 

बतौर मुख्य अतिथि डीसी हुए शामिल, कहा जन-जागरूकता लाने में प्रत्येक नागरिक की सहभागिता अहम

 

जमशेदपुर : कदमा रामजनम नगर स्थित केरला पब्लिक स्कूल सभागार में “मेगा थैलेसीमिया जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन जिला प्रशासन एवं थैलेसीमिया सोसायटी जमशेदपुर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जिसका उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि जिले के डीसी अनन्य मित्तल समेत अतिथियों द्वारा किया गया। इस मेगा जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य थैलेसीमिया जैसी आनुवंशिक रोग के कारण एवं उससे बचाव के उपायों पर चर्चा करते हुए युवाओं को शिक्षित और सशक्त बनाना रहा और जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह आयोजन थैलेसीमिया के कारणों को शीघ्र पता लगाने और रोकथाम के महत्व की गहरी समझ को बढ़ावा देने का प्रयास था। इस दौरान डीसी ने अपने सम्बोधन में व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता लाने पर बल देते हुए कहा कि इस अनुवांशिक रोग से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। साथ ही उन्होंने थैलेसीमिया सोसायटी जमशेदपुर के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि आप जिस भी कार्यस्थल या क्षेत्र में काम कर रहे हों, वहां अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए थैलेसीमिया के बारे में लोगों को जागरूक करें। पोलियो की तरह ही इस रोग का समूल उन्मूलन किया जा सकता है। उन्होंने थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता लाने के इस मुहिम में स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना भी की। वहीं उनकी निरंतर सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दी। थैलेसीमिया एक रक्त विकार है और जो परिवारों (वंशानुगत) से गुजरता है। जिसमें शरीर असामान्य रूप या अपर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन बनाता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन है और जो ऑक्सीजन ले जाता है। विकार के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। जिससे एनीमिया होता है। कार्यक्रम में थैलेसीमिया सोसायटी के शरद चंद्रा, सुनील मुखर्जी, जमशेदपुर ब्लड बैंक के डॉ संजय चौधरी समेत अन्य ने भी सम्बोधित किया। जिसमें स्वस्थ भविष्य को आकार देने में जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने व्यक्तव्य रखे। डॉ अमित मुखर्जी ने थैलेसीमिया के चिकित्सा आयामों और प्रयास को लेकर जानकारी भी साझा की। कार्यक्रम में जमशेदपुर स्थित निजी और सरकारी स्कूलों के प्राचार्य, कॉरपोरेट घराने, स्कूल के बच्चे, चैंबर, रोटरी व लायंस क्लब के प्रतिनिधि, चिकित्सा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति शामिल हुए। थैलेसीमिया सोसाइटी ऑफ जमशेदपुर एक स्वैच्छिक निकाय का गठन किया गया है। थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों की पहचान करना, समय पर रक्त उपलब्धता सुनिश्चित करना, माता-पिता और अभिभावकों के बीच जागरूकता बढ़ाना, नए मामलों की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय उपायों को लागू करना, विवाह के लिए पंजीकरण करते समय पूर्व-गर्भाधान परीक्षण की पुष्टि करना आदि शामिल है। वहीं थैलेसीमिया सोसाइटी ऑफ जमशेदपुर कोर टीम का नेतृत्व अध्यक्ष शरद चंद्रा, केरल पब्लिक ग्रुप ऑफ स्कूल के निदेशक, टाटा स्टील के इंद्रजीत पॉल, रोटरी क्लब के डॉ अमित चटर्जी, लायंस इंटरनेशनल के पूर्व जिला गवर्नर और विकलांगता प्रबंधन पर राज्य टास्क फोर्स के सदस्य रजनीश कुमार, जमशेदपुर ब्लड बैंक के महाप्रबंधक संजय चौधरी, होटल व्यवसायी और उद्योगपति स्मिता राज पारीख और स्वैच्छिक रक्तदाता संघ के अध्यक्ष सुनील मुखर्जी, त्रिपुरा में इसपर काम कर रहे जितेश कुमार हैं। डीसी द्वारा थैलेसीमिया सोसायटी के सदस्यों को जिला प्रशासन की ओर से परस्पर सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, समाज कल्याण, जनसंपर्क, विवाह ब्यूरो के जिला अधिकारियों की एक जिला कोर टीम का गठन किया गया और जो इस मुद्दे को विभिन्न स्तर, प्रखंडों, शिक्षा संस्थानों, औद्योगिक घरानों आदि में युद्ध स्तर पर उठाएगी। ताकि इसे फैलने से रोकने के लिए एहतियाती और निवारक उपाय किए जा सकें। मौके पर डीटीओ धनंजय, जिला पंचायती राज पदाधिकारी रिंकू कुमारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडेय और जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार भी मौजूद थे।

 

प्रबंधन ने की नशे पर रोक लगाने की मांग :-

 

कार्यक्रम के दौरान स्कूल प्रबंधन ने डीसी से नशे पर रोक लगाने की मांग भी की है। जिसके तहत उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें स्कूल के पास चल रहे दुकानों में खुलेआम बिक रहे गुटखा और सिगरेट जैसे उत्पादों पर रोक लगाने की बात कही है। प्रबंधन ने कहा कि इससे स्कूली बच्चों में गलत प्रभाव पड़ रहा है। जिसपर डीसी ने संज्ञान लेने का आश्वासन भी दिया है।

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