मो. ओबैदुल्लाह शम्सी
गिरिडीह: कल दिनांक 7 सितंबर 2024 को झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की एक आपातकालीन बैठक ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से की गई। राज्य कैबिनेट द्वारा दिनांक 6 सितंबर 2024 को पारित भारतीय प्रशासनिक सेवा (चयन द्वारा नियुक्ति) विनियम 1997 के अंतर्गत गैर राज्य असैनिक सेवा के पदों को उप- समाहर्ता के पद की समकक्षता संबंधी अधिघोषणा से राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी आहत हैं। राज्य सरकार के इस निर्णय से संघ के पदाधिकारी में काफी रोष है। इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद भी झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा का दर्जा देते हुए उसका पुनर्गठन कार्मिक विभाग द्वारा अब तक नहीं किया गया है। संघ सेवा का पुनर्गठन बिहार के मॉडल पर हू-ब-हू किए जाने का पुरजोर विरोध करती है। एक तरफ तो राज्य सरकार के द्वारा झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा का दर्जा देकर अपग्रेड करने की बात कही जा रही है एवं दूसरी तरफ सरकार द्वारा गैर राज्य असैनिक के पदों को उप-समाहर्ता पद के समकक्ष कर रही है। राज्य सरकार की सेवा अपने खून- पसीने से करने वाले झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों में सरकार के इस रवैया से काफी आक्रोश है। संघ यथाशीघ्र माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं को रखेगी एवं उनसे तत्काल समाधान का विश्वास रखती है। समस्याओं के तत्काल समाधान नहीं होने की स्थिति में संघ आगे की आंदोलनात्मक कार्य योजना तैयार करने हेतु बाध्य हो जाएगी।