जिले में 6 लाख क्विंटल धान क्रय का लक्ष्य, सभी को किया गया निर्देशित
जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में गुरुवार डीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में धान अधिप्राप्ति को लेकर जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई। जिसमें अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी, जिला सहकारिता पदाधिकारी आशा टोप्पो, जिला कृषि पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में 6 लाख क्विंटल धान क्रय का लक्ष्य जिला के लिए राज्य द्वारा निर्धारित किया गया है। इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रूपये एवं बोनस 100 रूपये निर्धारित है। इस प्रकार कुल 2400 रूपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से धान का क्रय किया जाएगा। 42 लैंप्स (धान अधिप्राप्ति केन्द्र) और 20 मीलरों की सूची प्राप्त है और जिन्हें संबद्ध किया जाना है। बैठक में डीसी ने धान क्रय को लेकर विभागीय पदाधिकारियों से कार्ययोजना की पूरी जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। जिला में धान अधिप्राप्ति को लेकर विस्तृत चर्चा भी किया गया। साथ ही उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को लैंप्स में ही धान विक्रय के लिए प्रेरित करें। सरकार द्वारा समर्थित मूल्य में अपना उत्पादन बेचें तथा बिचौलियों से सावधान रहें। उन्होंने सभी लैंम्पस में धान अधिप्राप्ति के दौरान पर्याप्त कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने के निर्देश भी दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि धान खरीदी में किसी प्रकार की अनियमितता न हो, इसकी मॉनिटरिंग हरेक स्तर पर सभी पदाधिकारी करेंगे। धान अधिप्राप्ति योजना अंतर्गत खरीद की गई धान की राशि का भुगतान ससमय सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि लैंम्पस के माध्यम से किसानों को धान अधिप्राप्ति योजना के प्रति जागरूक करें। गौरतलब है कि धान अधिप्राप्ति के लिए अधिकतम सीमा प्रति किसान 200 क्विंटल तक निर्धारित है। अपवाद स्वरूप यदि कोई किसान 200 क्विंटल से अधिक धान बेचना चाहता है तो डीसी द्वारा स्थानीय जांचोपरांत अनुमति प्रदान की जाएगी। धान अधिप्राप्ति केन्द्रों पर जनसेवकों की प्रतिनियुक्ति, प्रखण्ड स्तर पर सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति एवं सभी चयनित मिल में दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति डीसी स्तर से की जाएगी। बैठक में सर्वसम्मति से चयनित धान अधिप्राप्ति केन्द्रों को नजदीकी राइस मिलरों से संबद्ध किए जाने का निर्णय भी लिया गया।