साकची अग्रसेन भवन में धूमधाम से मना शाकंभरी माता का 11 वां वार्षिक महोत्सव

 

लाया थारी चुनरी कर लो मां स्वीकार. जैसे भजनों पर झूमे श्रद्धालु

 

जमशेदपुर : साकची स्थित श्री अग्रसेन भवन में सोमवार श्री शाकंभरी माता का 11 वां वार्षिक महोत्सव सह सामूहिक मंगलपाठ का भव्य आयोजन धूमधाम से मनाया गया। श्री शाकंभरी माता परिवार टाटानगर द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ पूजा अर्चना एवं ज्योत प्रज्जवलित से हुआ। यजमान निशा-सुभाष संथालिया, सरिता-विनोद संथालिया, मंजू-विजय संथालिया, प्रीति-नवीन कांवटिया द्वारा संयुक्त रूप से माता की पूजा की गई। जहां चंदन पंडित ने पूजा कराई और सबको रक्षा सूत्र भी बांधा। इस दौरान घर में बनाये हुए केक को प्रसाद स्वरूप माता को भोग लगाया गया। इस अवसर पर 251 से अधिक महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में माता का मंगलपाठ किया। स्थानीय कलाकार मनोज शर्मा मोनू ने मंगलपाठ का वाचन के साथ-साथ भजनों की शानदार प्रस्तुति दी। इस धार्मिक अनुष्ठान में मंगल पाठ, भजन, भव्य दरबार, ज्योत प्रज्जवलित, छप्पन भोग, प्रसाद आदि आकर्षण का केन्द्र बना रहा। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा। श्रद्धालुओं ने माता के जयकारे भी लगाये। इस महोत्सव में सहयोग करने वाले समाज के कई गणमान्य लोगों को संस्था की तरफ से सम्मानित भी किया गया। इससे पहले गजानंद आज पधारो जी शाकम्भरी मैया की मंगल आनंद बरसाज्यो जी. श्री गणेश वंदना के साथ मंगल पाठ एवं भजनों का कार्यक्रम शाम में 4 बजे से शुरू हुआ और जो रात्रि 10 बजे महाआरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ। आमंत्रित स्थानीय भजन गायक मनोज शर्मा मोनू ने मां का गुणगान करते हुए लाया थारी चुनरी कर लो मां स्वीकार..जैसे एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति कर समां बांधा। जिससे आस-पास का पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। कलाकार द्वारा प्रस्तुत किये गये भजनों पर भक्तों द्वारा नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। इस धार्मिक महोत्सव को सफल बनाने में प्रमुख रूप से नीतू-संदीप हरनाथका, मनीषा-नितेश कांवटिया, श्यामा-शैलेश कांवटिया, कुसुम-विश्वनाथ संथालिया, कुसुम-प्रदीप जवानपुरिया, सुमित्रा-रामगोपाल शाह, सरोज-सीताराम खंडेलवाल, पूजा-आनन्द हरनाथका का विशेष सहयोग रहा। संस्था की अध्यक्ष नीतू हरनाथका, उपाध्यक्ष सविता संथालिया, सचिव मनीषा कांवटिया, कार्य समिति प्रमुख सरिता संथालिया समेत संस्था की सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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