रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ऊर्जा विभाग (झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड) जेएसईआरसी द्वारा जारी टेंडरों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि जेयूएसएनएल ने एक निविदा निकाली है। इसे जेएसईआरसी के द्वारा अनुमोदन नहीं दिया गया है। उसके मुताबिक इसकी अभी कोई जरूरत नहीं है। दो ग्रिड सब स्टेशन (चांडील-169 करोड़, कोडरमा-213 करोड़) के लिए निकाली गयी निविदा की अनुमानित लागत 382 करोड़ रुपये है।
मरांडी ने कहा है कि जेएसईआरसी के अनुमोदन के बिना इस निविदा को निकाला जाना सरकारी राशि का दुरुपयोग है। क्योंकि, भविष्य में बिजली दर निर्धारण के समय यह खर्च न्यायसंगत नहीं होगा और इसको उचित खर्च नहीं माना जायेगा। साथ ही इस पर जेएसईआरसी के द्वारा टैरिफ निर्धारण में कोई विचार नहीं किया जायेगा। उन्होंने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में जेएसईआरसी के द्वारा 175 करोड़ रुपये का थ्रेस होल्ड लिमिट तय किया गया है। यदि इसके ऊपर कोई कार्य का निष्पादन होना है तो उसे टीबीसीबी के माध्यम से होना है ना कि आरटीएम के माध्यम से लेकिन 213 करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं नियम विरुद्ध हैं। इसके अलावा बलियापुर व अन्य जगहों के लिए निविदा निकाली गयी है, जिस पर जेएसईआरसी का अनुमोदन नहीं लिया गया है। इस कार्य को भी जेएसईआरसी के द्वारा मना किया जा चुका है। ये सारे कार्य नियम कानून को ताक पर रख कर किए जा रहे हैं। बाबूलाल ने सवाल किया है कि सीएम ऊर्जा विभाग के मंत्री भी हैं। उनकी कृपा दृष्टि के बिना अधिकारी इतनी बड़ी अनियमितता का प्रतिदिन नया कीर्तिमान कैसे बना सकते हैं। बाबूलाल ने इस मसले पर समुचित कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है।