जमशेदपुर : हमारा देश आज चांद पर पहुंच गया है। मगर आज भी इस देश में लाखों लोग ऐसे हैं जो दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। रोजाना इनकी सुबह कठिनाइयों से शुरू होती है और फिर देर शाम कठिनाइयों में ही खत्म हो जाती है। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर असहाय महिला तक पेट की आग बुझाने के लिए रोजाना जिंदगी की जंग लड़ते हैं। इनके लिए आसमान ही छत है और जमीं उनका घर। ऐसा ही एक नजारा बुधवार कदमा बाजार में देखने को मिला। जहां दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए एक मासूम रस्सी पर चढ़कर करतब दिखाते हुए नजर आई। इस दौरान जान को जोखिम में डालकर वह मासूम लोगों को रस्सी पर दोनों हाथ में डंडा लिए करतब दिखाते हुए रस्सी पर चल रही थी। मौके पर उसके साथ उसकी छोटी बहन, भाई और मां भी मौजूद थी। यह नजारा अपने आप में कचोटने वाला था। करतब देखकर लोग उक्त परिवार को कोई 10 तो कोई 20 रुपए भी दे रहा था। इस दौरान जब हमने सामने जाकर उक्त परिवार से बात की तो मां के शब्द सुनकर स्तब्ध रह गया। मां ने कहा रोटी के लिए सब कुछ करना पड़ता है सब मांगने से कोई देता नहीं। यह हमारी मंजूरी नहीं मजबूरी है। रोजाना सुबह से शाम तक पेट की आग बुझाने के लिए सब कुछ करना पड़ता है। हम चार परिवार हैं और चारों का पेट भरना किसी पहाड़ से कम नहीं है। हमारे पास ना घर है और ना खाने की व्यवस्था। दिनभर करतब दिखाकर जो कुछ भी मिलता है, उसी में सभी गुजारा कर लेते हैं और रात होने पर आसमान के नीचे कहीं भी जाकर सो जाते हैं। हमारी जिंदगी बंजारों सी है। जब हमने उनसे पूछा कि सरकार द्वारा गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। क्या आपको उसका लाभ नहीं मिलता। इसपर मां ने कहा कि लाभ उसे मिलता है जिसके पास पैसे हैं। हमारे पास तो कुछ भी नहीं है और हम तो यूं ही सड़क पर अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। अगर हमें भी सरकार से लाभ मिलता तो आज हमारे पास घर होता। हमारे बच्चे भी यह काम ना कर स्कूल जाते। मगर हम तक सरकार पहुंच ही नहीं पा रही है। एक मां के इन बातों को सुनकर दिल पसीज गया। सवाल यह है कि ऐसे लाखों लोग आज भी हमारे देश में जीने के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं। क्या ऐसे में हमारा देश विकसित हो सकता है। आज भी देश में लाखों परिवार ऐसे हैं जिनको सिर्फ एक ही वक्त का खाना नसीब हो पता है। क्या ऐसे में हम देश को प्रगति के पथ पर ले जाना कह सकते हैं। आज देश में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। बावजूद इसके जरूरतमंदों तक यह नहीं पहुंच पा रहा है। आखिर इसका कारण क्या है। ऐसे कई सवाल है जो हर दिन गरीबों को दिलों से निकलते हैं और जिसका जवाब जिम्मेदारों को देना चाहिए।
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